Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

गुजरात विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों पर हमले के मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार, हाईकोर्ट ने यह कहा…

गुजरात उच्च न्यायालय ने मामले में जांच एजेंसी के तौर पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया.

अहमदाबाद:

गुजरात विश्वविद्यालय के छात्रावास में नमाज पढ़ने को लेकर विदेशी छात्रों पर हुए हमले के सिलसिले में पुलिस ने कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्रों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने और सुरक्षा के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों की सेवाएं ली हैं. जांच और सभी हमलावरों की पहचान करने के लिए नौ टीम गठित करने वाली पुलिस ने हितेश मेवाड़ा और भरत पटेल की शुरुआती गिरफ्तारियों के बाद सोमवार को तीन और लोगों क्षितिज पांडे, जितेंद्र पटेल और साहिल दुधातिया को गिरफ्तार किया.

यह भी पढ़ें

पुलिस ने कहा कि इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या पांच हो गई है. शेष आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं. शनिवार को हुई इस घटना के बाद विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्रों को एक नए विंग में स्थानांतरित कर दिया है और सुरक्षा के लिए पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली हैं. इसके अलावा एक विदेशी छात्र सलाहकार समिति की स्थापना की गई है.

गुजरात विश्वविद्यालय की कुलपति नीरजा गुप्ता ने विदेश अध्ययन कार्यक्रम के समन्वयक और एनआरआई छात्रावास वार्डन को तत्काल हटाने की घोषणा की. पुलिस उपायुक्त तरुण दुग्गल ने कहा कि हमले में शामिल शेष संदिग्धों की पहचान करने के लिए तकनीकी निगरानी और अन्य तरीकों का इस्तेमाल करते हुए गहन जांच की जा रही है. पुलिस ने दंगा, स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाने और आपराधिक कृत्य समेत विभिन्न आरोपों में 20-25 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

पुलिस के अनुसार ए-ब्लॉक छात्रावास में विदेशी छात्रों के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद श्रीलंका और ताजिकिस्तान के दो छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इन घटनाक्रमों के बीच गुजरात उच्च न्यायालय ने मामले में जांच एजेंसी के तौर पर हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए कहा कि हर मामला ऐसा नहीं होता कि उसमें जनहित याचिका दायर कर दी जाए.

यह भी पढ़ें :-  "उत्पीड़न पर्याप्त नहीं...": अतुल सुभाष की खुदकुशी को लेकर विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध पी. मायी ने घटना का स्वत: संज्ञान लेने से इनकार करते हुए कहा कि पुलिस मामले की जांच करेगी. एक वकील ने मामले को स्वत: जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करने का अनुरोध किया, जिसके बाद अदालत ने ये टिप्पणियां कीं.

मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा, “हमारा प्रयास है कि न्याय हो, लेकिन हमें जांच एजेंसी न बनाया जाए. हम यह नहीं करते. हम अब भी खुद को याद दिलाना चाहते हैं कि हम संवैधानिक अदालतें हैं. अगर ऐसा कोई मामला आता है, तो हम निश्चित तौर पर संज्ञान लेंगे, लेकिन ये उनमें से नहीं है.” उन्होंने कहा कि शहर की हर घटना ऐसी नहीं होती, जिसमें जनहित याचिका दायर की जाए.

न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा, “इस अदालत को पुलिस निरीक्षकों का विकल्प नहीं बनाएं. हम जांच अधिकारी नहीं हैं.” जब वकील के. आर. कोश्ती ने कहा कि पुलिस ने प्राथमिकी में सभी संबंधित धाराओं को शामिल नहीं किया है, तो अदालत ने उन्हें कानूनी उपाय अपनाने की सलाह दी. संबंधित घटनाक्रम में, नागरिक समाज समूहों ने विदेशी छात्रों पर हमले की निंदा की और अपराधियों तथा उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जो कथित तौर पर हमले को रोकने में विफल रहे.

गुजरात में रहने वाले कारोबारी और हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जफर सरेशवाला ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है. उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी. ‘उदारवादी’ मुस्लिम और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी माने जाने वाले सरेशवाला ने ट्वीट किया कि उन्होंने तरावीह (रमजान के दौरान रात में पढ़ी जाने वाली नमाज) के दौरान ‘विदेशी छात्रों की पिटाई और उनके साथ दुर्व्यवहार’ का मुद्दा उठाया है.

यह भी पढ़ें :-  ''मेरा कसूर सिर्फ यही है कि मैं एक फकीर हूं", टिकट कटने के बाद अश्विनी चौबे का छलका दर्द

सरेशवाला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैंने गुजरात सरकार के शीर्ष अधिकारियों से बात की है. उन्होंने उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.’ नागरिक अधिकार एनजीओ पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने कहा कि विदेशी छात्रों पर हमला बेहद चिंताजनक है. एनजीओ ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने भी घटना की निंदा की और उपद्रवियों के साथ-साथ उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जो उसके अनुसार, वहां मौजूद थे, लेकिन छात्रों को हमले से नहीं बचा सके.

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button