"नरक से गुजरी…": 2 सप्ताह बाद हमास की कैद से रिहा 85 साल की महिला ने बयां की दर्दनाक कहानी
नई दिल्ली:
Israel-Hamas War: समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, हमास द्वारा रिहा की गई एक बुजुर्ग इजरायली बंधक ने कहा कि उसे 7 अक्टूबर को अपने क्षेत्र में ले जाने के दौरान गाजा स्थित संगठन हमास द्वारा पीटा गया था, लेकिन दो सप्ताह की कैद के दौरान उसके साथ अच्छा व्यवहार किया गया.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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85 वर्षीय योचेवेद लिफ़शिट्ज़, उन दो महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें सोमवार को मुक्त किया गया. लगभग 220 बंधक अभी भी हमास के कब्जे में हैं. व्हीलचेयर पर बैठी, कमज़ोर दिखती लिफ़शिट्ज़ ने संवाददाताओं से कहा कि जब उन्हें गाजा के भीतर सुरंग में रखा गया था, तब एक डॉक्टर ने उनसे मुलाकात की थी और उनकी सभी ज़रूरतों का ध्यान रखा गया था.
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उन्होंने कहा, “मैं नरक से गुजर चुकी हूं, हमने नहीं सोचा था कि हम इस स्थिति में पहुंच जाएंगे. जब मैं बाइक पर थी, तो मेरा सिर एक तरफ था और शरीर का बाकी हिस्सा दूसरी तरफ था. जब मैं रास्ते में थी तो युवकों ने मुझे मारा. उन्होंने मेरी पसलियां नहीं तोड़ी, लेकिन ये दर्दनाक था और मुझे सांस लेने में कठिनाई हुई.”
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हमास द्वारा रिहा की गईं दूसरी बंधक 79 वर्षीय नुरिट कूपर हैं. वो, लिफ़शिट्ज़ और उनके अस्सी वर्षीय पति 7 अक्टूबर को अपहृत बंधकों में से थे. कतर और मिस्र की मध्यस्थता के बाद, हमास ने मानवीय कारणों का हवाला देते हुए कूपर और लिफ़शिट्ज़ को रिहा कर दिया. उनकी रिहाई दो अन्य अमेरिकी नागरिक की रिहाई के कुछ दिनों बाद हुई है.
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इजरायल के सैन्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि सेना युद्ध के अगले चरण के लिए तैयार है और राजनीतिक निर्देश का इंतजार कर रही है. उन्होंने कहा कि इज़राइल मध्य पूर्व में अमेरिकी अनुभव से सीख रहा है, लेकिन हमारा युद्ध हमारी सीमाओं पर है, इज़रायल से हजारों मील दूर नहीं. उन्हें आगे कई हफ्तों की लड़ाई की उम्मीद है.
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कतर के शासक ने आज इसरायल के समर्थकों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्होंने हमास के साथ युद्ध में उसे हत्या करने का मुफ़्त लाइसेंस दिया है और सवाल किया कि इस संघर्ष से क्या हासिल होगा. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित प्रमुख शक्तियों ने इज़रायल का समर्थन किया है और अपनी रक्षा के उसके अधिकार की पुष्टि की है.
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शाही अदालत द्वारा जारी अनुवाद के अनुसार, अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने कतर के विधायी निकाय शूरा काउंसिल की एक बैठक में कहा, “इजरायल को बिना शर्त हत्या के लिए स्वतंत्र लाइसेंस देना ठीक नहीं है. न ही कब्जा और घेराबंदी की वास्तविकता को नजरअंदाज करना उचित है.”
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने आज इज़रायल की एकजुटता यात्रा पर कहा कि गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों को बचाना सैन्य अभियान का पहला उद्देश्य होना चाहिए, लेकिन संघर्ष को फैलने से रोकने की आवश्यकता पर बल दिया.
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इज़रायली राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मैक्रॉन ने कहा, “आज हमारा पहला उद्देश्य सभी बंधकों को बिना किसी भेदभाव के रिहा करना है, क्योंकि बच्चों, वयस्कों, बूढ़ों, नागरिकों और सैनिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ करना एक भयानक अपराध है.”
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उनके कार्यालय ने कहा, मैक्रों इजरायल की सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय शक्तियों से गारंटी के बदले में एक व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य बनाने के उद्देश्य से वास्तविक शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव रखेंगे.
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7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमले में गाजा समूह द्वारा 1400 इज़राइलियों को मारने के बाद से इज़राइल ने हमास पर युद्ध छेड़ दिया है, जिससे इतिहास के खुद को दोहराने का डर पैदा हो गया है. जिसमें 7.6 लाख फिलिस्तीनियों के पलायन या जबरन विस्थापन को संदर्भित करती है, जिसके कारण 75 साल पहले इज़राइल का निर्माण हुआ था.