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म्यांमार में सैन्य शिविर पर जुंटा विरोधी समूह के कब्जे के बाद 29 और सैनिक भाग कर मिजोरम पहुंचे

फरवरी 2021 में सेना द्वारा तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा करने के बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

आइजोल:

पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य शिविर पर जुंटा विरोधी समूह के कब्जे के बाद 29 और सैनिक वहां से भाग कर मिजोरम पहुंचे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के साथ हाल में हुई गोलीबारी के बाद म्यांमार के कुल 74 सैन्यकर्मी भाग कर मिजोरम आ चुके हैं. हालांकि, इनमें से कई सैनिकों को वापस भेज दिया गया है.

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पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) लालबियाकथांगा खियांग्ते ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘आज 29 और सैनिकों ने तियाउ नदी के पास चंफाई जिले के सैखुमफई में पुलिस और असम राइफल्स से संपर्क किया, जो भारत और म्यांमार के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कार्य करती है.” उन्होंने बताया कि वे अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ किलोमीटर दूर म्यांमार के चिन राज्य के तुईबुअल में स्थित अपने शिविर से भाग कर यहां आये हैं.

असम राइफल्स के एक अधिकारी ने कहा कि इन 29 म्यांमार सैनिकों को अब भी उनके देश वापस नहीं भेजा गया है.एक अधिकारी ने बताया कि पड़ोसी मुल्क से भाग कर यहां आने वाले सैनिकों में से 45 को मंगलवार को म्यांमार की सैन्य सरकार को सौंप दिया गया.भारत ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास म्यांमार की सेना और जुंटा विरोधी समूहों के बीच संघर्ष को रोकने का आह्वान किया, जिससे मिजोरम में म्यांमार के लोगों की आवक बढ़ गई है.

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फरवरी 2021 में सेना द्वारा तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा करने के बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.म्यांमार की सेना अपने विरोधियों और सत्तारूढ़ शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल लोगों के खिलाफ हवाई हमले कर रही है.म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है और उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1,640 किलोमीटर की सीमा साझा करता है. म्यांमार में सैन्य शासन द्वारा तख्तापलट करने के बाद फरवरी 2021 से 31,000 से अधिक लोगों ने मिजोरम में शरण ली है.

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