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विवाद के बाद बीजेपी को नए उम्मीदवार की तलाश, 'इंडिया गठबंधन' में आशा जगी; किसे चुनेगा बाराबंकी?

उत्तर प्रदेश में रावत एक जाति है जो कि एससी वर्ग में है. बाराबंकी एक ऐसी सीट है जहां रावत जाति के लोगों की जनसंख्या काफी है.

पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया के यहां से चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है. वे पांच बार चुनाव लड़ चुके हैं और हार चुके हैं. इस लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के समर्थन और बीजेपी के वायरल वीडियो विवाद के कारण गैर रावत होने के बावजूद उन्हें जीत मिल सकती है.

बीजेपी की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में अयोध्या मंडल की बाराबंकी सीट पर मौजूदा सांसद उपेन्द्र सिंह रावत का ही नाम था. उनको पार्टी ने एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया था.  लेकिन उनकी उम्मीदवारी घोषित होने के तुरंत बाद एक विवादास्पद वीडियो के वायरल होने के कारण उपेन्द्र सिंह रावत ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. अब उपेन्द्र रावत के पीछे हटने से. सवाल उठ रहे हैं. 

बाराबंकी के छाया मार्केट में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के जिला कार्यालय हैं. यह दोनों दल विपक्ष के इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं. इस इलाके में 28 साल के मोनू एक चाय की दुकान चलाते हैं. मोनू को लगता है कि इस बार के चुनावों में कुछ बदलाव हो सकता है. मोनू कहते हैं कि, ”बाराबंकी वैसा ही है, कोई बदलाव नहीं हुआ है. पंजा (कांग्रेस) के आसार हैं, गठबंधन से फायदा होगा. जनता ने तय कर लिया है, वह बदलाव चाहती है.”

बाराबंकी की जनसंख्या छह लाख से अधिक है. एससी के लिए आरक्षित इस निर्वाचन क्षेत्र में 26 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. मुस्लिम आबादी करीब 22 फीसदी है. 

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यहां के एक व्यक्ति ने कहा कि, ‘जनता बीजेपी से परेशान है, महंगाई बढ़ी है, लोग परेशान हैं.’ एक अन्य व्यक्ति ने कहा- ‘बीजेपी अच्छी है, अगर वह सही उम्मीदवार खड़ा करेगी तो वही यहां से जीतेगी.’

बाराबंकी में सन 2019 में बीजेपी एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीती थी. उस समय बीजेपी के खिलाफ सपा और बसपा गठबंधन था. अब 2024 में बीजेपी के सामने कांग्रेस और सपा एक साथ हैं.

समाजवादी पार्टी के अरविंद कुमार सिंह गोप ने कहा कि, ”यह समाजवादी पार्टी का केंद्र है… यहां के लोग जात-पात से ऊपर उठकर वोट करेंगे, और कांग्रेस के पुनिया समाजवादी पार्टी के पूर्ण समर्थन से जीतेंगे.”

हालांकि अभी इंडिया गठबंधन की लिस्ट नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि तनुज पुनिया चुनाव लड़ेंगे. अगर वे ही लड़ते हैं तो यह उनका 5वां चुनाव और दूसरा लोकसभा चुनाव होगा. क्या तनुज पुनिया समाजवादी पार्टी की मदद से जीत दर्ज कर सकते हैं? या फिर इस बार फिर बीजेपी एक नए चेहरे के साथ जीत दर्ज कराएगी?

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