दिल्ली में अभी भी हवा दमघोंटू, स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ीं

दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में हवा की गुणवत्ता हर साल सर्दियों से पहले खराब हो जाती है. (स्क्रीनग्रैब)
नई दिल्ली:
दिल्ली में अधिकतर जगहों पर हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ बनी हुई है. दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण संकट फिर से लौट आया है, जिससे पिछले सप्ताह बारिश के कारण दर्ज किए गए सुधार खत्म हो गए हैं. शहर में जहरीले धुएं की चादर में लिपट गया है, जिससे विजिब्लिटी कम हो गई है और सभी एज ग्रुप के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं. साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली के बाद से बारिश भी नहीं हुई है.
#WATCH | Air quality across Delhi continues to be in the ‘Severe’ category as per the Central Pollution Control Board (CPCB).
(Visuals from IIT Delhi, shot at 6:30 am) pic.twitter.com/AxgNPrXBOv
— ANI (@ANI) November 15, 2023
यह भी पढ़ें
पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं के साथ-साथ प्रदूषण के कारणों में से एक आतिशबाजी, अदालती प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए जारी हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई), जो हवा में प्रदूषण को मापता है, आज सुबह शहर के अधिकांश स्थानों में ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया.
सुबह 6 बजे सीपीसीबी द्वारा रिकॉर्ड किए गए डेटा के अनुसार आरके पुरम में एक्यूआई 417, आनंद विहार में 430, IGI एयरपोर्ट पर 403, नरेला में 430 और पंजाब बाग में 423 दर्ज किया गया.
दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में हवा की गुणवत्ता हर साल सर्दियों से पहले खराब हो जाती है जब ठंडी हवा वाहनों, उद्योग, निर्माण धूल और पराली जलाने से निकलने वाले प्रदूषकों को ट्रैप कर लेती है.
शहर 28 अक्टूबर से एक सप्ताह तक गंभीर प्रदूषण स्तर के साथ धुंध की मोटी चादर में लिपटा हुआ था, जिसके कारण सरकार को स्कूलों को बंद करना पड़ा और डीजल ट्रकों पर प्रतिबंध लगाना पड़ा. पिछले सप्ताह बारिश से कुछ राहत मिली लेकिन सुधार खत्म हो गया क्योंकि दिवाली पर पटाखों के धुएं ने उत्तर भारत में पराली जलाने के कारण वायु प्रदूषण बढ़ा दिया.
यह भी पढ़ें –
— आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने यूक्रेन को बेचे करोड़ों अमेरिकी डॉलर के हथियार: रिपोर्ट में दावा
— भारत-ब्रिटेन FTA पर दोनों देशों के लाभदायक सहमति पर पहुंचने की उम्मीद : विदेश मंत्री एस जयशंकर