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कर्नाटक में JDS और बीजेपी में गठबंधन लेकिन क्या जमीन पर एकजुट हैं कार्यकर्ता?

नई दिल्ली:

कर्नाटक (Karnataka) में जेडीएस (JDS) और बीजेपी नेताओं ने गठबंधन तो कर लिया है लेकिन ये गठजोड़ ज़मीन पर दोनो पार्टियों के कार्यकर्ताओं में देखने को नहीं मिल रहा है. जानकारों का मानना है कि इसके पीछे का सबसे अहम कारण दोनों दलों की विचारधार के अंतर को बता रहे हैं. दोनों ही दल लगभग एक ही समय में कर्नाटक की राजनीति में उभरे थे. दोनों ही एक दूसरे के खिलाफ लंबे समय तक राजनीति करते रहे हैं. दोनों के कार्यकर्ता एक मंच पर एक दूसरे को पचा नहीं पा रहे हैं. हाल ही में तुमकुर में दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं में झड़प की घटना भी हो गयी थी

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तुमकुर में क्या हुआ था?

बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ता तुमकुर से साझा उम्मीदवार वीएस सोमन्ना के लिए इकट्ठा हुए थे. बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव की बातें याद आ गयी और दोनों ही आपस में भिड़ गए. मंच पर मौजूद बीजेपी- जेडीएस के साझा उम्मीदवार और बीजेपी नेता सोमन्ना तमाम कोशिश के बाद भी उनको शांत करने में नाकाम रहे. अब बीजेपी और जेडीएस नेता भी परेशान हैं. 

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव  सिटी रवि ने कहा है कि बीजेपी और जीडीएस का गठबंधन नेचुरल है छोटी-मोटी खींचतान होती रहती है क्योंकि पार्टी बड़ी है वह सब ठीक हो जाएगा. 

बीजेपी और जेडीएस लंबे समय तक एक दूसरे के रहे हैं खिलाफ

2019 में पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और जेडीएस का चुनाव से पहले का गठजोड़ था जो वोटों में नहीं बदल सका था.  बीजेपी की समस्या और बड़ी है. 1999 में जेडीएस का गठन हुआ और इसी समय से रामकृष्ण हेगड़े और जेएच पटेल का पतन होने लगा था. लिंगायत नेता के तौर पर बीएस येदियुरप्पा उभरकर सामने आए थे. यानी बीजेपी और जेडीएस दोनो का ही लोक सभा और विधानसभा में सफलता का दौर एक साथ एक समय मे शरू हुआ था. ऐसे हालात में चुनावी गठबन्धन भर से कार्यकर्ताओं को एक जुट करना मुश्किल है. इसका अहसास दोनो पार्टियों के नेताओं को भी है

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जेडीएस नेता ने क्या कहा? 

जेडीएस नेता निखिल कुमारस्वामी का कहना है कि कुछ मतभेद हैं.  यह एक नया गठबंधन है.  ये तो अभी बना है.  हमने दोनों पार्टियों के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर योजना बनायी है.  सब ठीक ठाक है और रहेगा.  बीजेपी और जेडीएस अलालकमान ने हाथ तो मिलाकर गठबंधन कर लिया लेकिन इसका फल तभी मिल पाएगा जब जेडीएस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं का दिल मिले जो इतना आसान नही है क्योंकि 2 दशकों से दोनों एक दूसरे के खिलाफ लड़ते आए हैं.

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