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सिख विरोधी दंगा मामला: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार दोषी करार

1984 Sikh Riots: सिख विरोधी दंगा (Anti Sikh Riots) मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Court) ने दोषी करार दिया है. सज्जन कुमार को हत्या के मामले में दोषी ठहाराया गया है. अब इस मामले में 18 फरवरी को सजा का ऐलान किया जाएगा. ये मामला सरस्वती विहार में पिता-बेटे की हत्या (Father-Son Murder) से जुड़ा हुआ है. सज्जन कुमार फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.

सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव ने क्या कहा

1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी करार दिए जाने पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने कहा, “… 40 साल पहले सिख कत्लेआम का नेतृत्व करने वाले सज्जन कुमार को दोषी करार दिया गया है और उन्हें सजा मिलेगी… मैं इसके लिए अदालत का शुक्रिया अदा करता हूं… मैं सत्ता में आने के बाद एसआईटी गठित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा करता हूं. यह बंद मामलों की दोबारा जांच का नतीजा है… हमें उम्मीद है कि जगदीश टाइटलर मामले में भी हमें न्याय मिलेगा…”

बीजेपी लीडर मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या कहा

बीजेपी लीडर मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि आज सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को एक और केस में दोषी करार दिया. कोर्ट ने माना कि वो दोषी है. उन्होंने कत्लेआम किया. कांग्रेस के सारे पाप सामने आ रहे हैं. मैं देश के पीएम को धन्यवाद करता हूं जिन्होंने एसआईटी बनाकर इन लोगों को जेल में डालने का काम किया. परमात्मा ने आज इंसाफ दिया. हमें तसल्ली है कि सज्जन कुमार दोषी है. 

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किस मामले में दोषी करार

1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया है. ये मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर इलाके पिता-पुत्र, सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम में करीब चार से साढ़े चार बजे के बीच दंगाइयों की एक भीड़ ने लोहे की सरियों और लाठियों से पीड़ितों के घर पर हमला किया था.

भीड़ को हमले के लिए उकसाया

शिकायतकर्ताओं के अनुसार, इस भीड़ का नेतृत्व कांग्रेस के तत्कालीन सांसद सज्जन कुमार ने किया था, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. आरोप है कि सज्जन कुमार ने भीड़ को हमले के लिए उकसाया, जिसके बाद दोनों सिखों को उनके घर में जिंदा जला दिया गया. इतना ही नहीं, भीड़ ने घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी भी की थी. इस घटना से संबंधित एफआईआर उत्तरी दिल्ली के सरस्वती विहार थाने में दर्ज की गई, जो शिकायतकर्ताओं द्वारा रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर दर्ज की गई थी.


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