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दुनिया

बांग्लादेश: विपक्ष का आम चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर देशव्यापी हड़ताल का आह्वान

बांग्लादेश में करीब 8,000 विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.

ढाका:

विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने सात जनवरी के आम चुनाव को रद्द करने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया. विपक्ष ने साथ ही दावा किया कि इस चुनाव का उद्देश्य प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग सरकार को लगातार चौथे कार्यकाल के लिए सत्ता में लाना है. यह घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल के उस बयान के एक दिन बाद आयी है जिसमें कहा गया था कि बहुप्रतीक्षित आम चुनाव 7 जनवरी को होंगे.

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बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रुहुल कबीर रिजवी ने रविवार सुबह 6 बजे से दो दिवसीय आम हड़ताल का आह्वान किया. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली पार्टी ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा को खारिज किया और चुनाव प्रक्रिया जारी रखने के सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध जारी रखने का संकल्प लिया है. बीएनपी के वरिष्ठ नेता अब्दुल मोईन खान ने कहा, ‘बांग्लादेश में हर कोई इस चुनाव के नतीजे को जानता है.’

धुर दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी सहित बीएनपी के कई सहयोगियों ने हड़ताल के आह्वान को समर्थन दिया, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को देशव्यापी सुरक्षा चौकसी बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा और राजमार्गों और प्रमुख शहरों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों को भी बुलाना पड़ा.विपक्ष ने 28 अक्टूबर से रुक-रुक कर राष्ट्रव्यापी परिवहन नाकाबंदी जारी रखी जिससे आपूर्ति प्रणाली बाधित हुई. विपक्ष ने चुनाव कराने के लिए एक तटस्थ सरकार के लिए रास्ता बनाने के लिए प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग की है.

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बीएनपी और उसके सहयोगियों के परोक्ष संदर्भ में, अवल ने कहा कि उनके कार्यालय ने उन सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों को आयोग के साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया जो आगामी चुनावों में भाग लेने के लिए ‘अनिच्छुक’ थे, लेकिन ‘‘उन्होंने निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया.”

पिछले दो सप्ताह में राजनीतिक हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है. विरोध प्रदर्शन के दौरान 200 से अधिक लोग घायल हो गए और दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए या उनमें आग लगा दी गई. इसके कारण अधिकारियों को राजमार्गों की सुरक्षा और प्रमुख शहरों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा. मीडिया की खबरों के मुताबिक, देशव्यापी कार्रवाई में बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर समेत करीब 8,000 विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.

 

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