विवाद और प्रतिरोध की जगह संवाद और सहयोग का माहौल बनाने की जरूरत : नवनिर्वाचित सांसदों से बोले बिरला
नई दिल्ली:
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की आत्मा भारतीय संसद (Indian Parliament) में अंतर्निहित है. लोकसभा अध्यक्ष ने नवनिर्वाचित सांसदों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के समापन समारोह में बोलते हुए सांसदों से लोकतंत्र के उच्चतम मानदंडों को बनाए रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सांसदों के कार्यकलापों पर न सिर्फ भारत बल्कि समूची दुनिया की दृष्टि रहती है, इसलिए उनका आचरण गरिमापूर्ण, शालीन और अनुशासित होना चाहिए.
लोकसभा अध्यक्ष ने लोकतंत्र में संवाद और चर्चा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि स्वस्थ और सशक्त लोकतंत्र के लिए हमें विवाद और प्रतिरोध के स्थान पर संवाद और सहयोग का माहौल बनाने की जरूरत है.
सांसदों से जिम्मेदारियां निभाने का किया आह्वान
सांसदों की भूमिका का उल्लेख करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सांसदों को जनता के मुद्दों का समाधान करने और सुशासन के बारे में सरकार को विचारशील सुझाव देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभानी होती हैं. उन्होंने नए सांसदों से निश्चित लक्ष्य के साथ संकल्पबद्ध होकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का आग्रह किया.
सदन के नियमों और प्रक्रियाओं का अध्ययन करें सांसद : बिरला
ओम बिरला ने जोर दिया कि सांसद सदन के नियमों और प्रक्रियाओं का जितना अध्ययन करेंगे, वे सदन का उतना ही अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि सदस्यों को नियमों और मुद्दों की पूरी जानकारी के साथ सदन की कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए.
राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने भी नवनिर्वाचित सांसदों को सम्बोधित किया. इस मौके पर लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह भी उपस्थित रहे.
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