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राहुल की 'शक्ति' संबंधी टिप्पणी पर BJP नाराज, कहा- हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई, एक्शन हो

आयोग को सौंपे एक ज्ञापन में भाजपा नेताओं हरदीप सिंह पुरी और ओम पाठक ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ‘शक्ति के खिलाफ लड़ाई’ संबंधी टिप्पणी ‘शक्ति से जुड़े धार्मिक मूल्यों का अपमान करने और कुछ धार्मिक समुदाय’ के तुष्टीकरण के लिए धर्मों के बीच शत्रुता पैदा करने के ‘दुर्भावनापूर्ण इरादे’ से की गई है.

उन्होंने कहा, ‘गांधी ने जो बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि शक्ति के खिलाफ लड़ाई है, हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से दिया गया था. भारत में हिंदुओं का एक बड़ा वर्ग हिंदू धर्म में शक्ति की प्रार्थना करता है, इस हद तक कि एक शक्ति संप्रदाय मौजूद है जो देवी को शक्ति के रूप में संदर्भित करता है.’

उन्होंने कहा, ‘हिंदू धर्म में शक्ति के खिलाफ लड़ने के गांधी के आह्वान का सीधा अर्थ है कि कांग्रेस समर्थकों को हिंदू धर्म के उपासकों के खिलाफ लड़ना चाहिए. यह हिंदू धर्म के खिलाफ नफरत पैदा करता है.’

मुंबई की रैली में अपनी टिप्पणी के एक दिन बाद गांधी ने सोमवार को स्पष्ट किया था कि वह किसी धार्मिक शक्ति की बात नहीं कर रहे थे बल्कि अधार्मिकता, भ्रष्टाचार और झूठ की शक्ति की बात कर रहे थे.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया था और कहा था कि वह उस ताकत के बारे में बोल रहे हैं जिसका ‘मुखौटा’ मोदी ने पहना है.

भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि गांधी ने मुंबई की रैली को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की प्रामाणिकता के संबंध में झूठे और शरारतपूर्ण दावे किए और निर्वाचन आयोग पर भी सवाल उठाए.

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उन्होंने ईवीएम के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी के लिए निर्वाचन आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और कहा कि तथ्यों के सत्यापन के बिना इस तरह का ‘दुष्प्रचार और गलत सूचना’ राष्ट्रीय अखंडता के लिए नुकसानदायक है.

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि गांधी ने ईवीएम और निर्वाचन आयोग के बारे में इस तरह की टिप्पणी ‘लोक अव्यवस्था पैदा करने के इरादे’ से की.

उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर कांग्रेस और राहुल गांधी एक तरह से भारत के मतदाताओं का अपमान कर रहे हैं.

भाजपा नेताओं ने इसके अलावा आयोग को सौंपी गई अपनी याचिका में कहा कि यह उल्लेख करना उचित है कि इसी कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने ईवीएम की निंदा ‘चोर’ के रूप में की थी.

भाजपा नेताओं ने कहा, ”आयोग कड़ी कार्रवाई करें और प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दें और राहुल गांधी पर मुकदमा चलायें. राहुल गांधी को निर्देश दिया जा सकता है कि वह बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और मुंबई में शिवाजी पार्क में हुई रैली में दिए गए अपने बयानों को वापस लें.’

इसमें कहा गया, ‘कांग्रेस और राहुल गांधी को संवाद के किसी भी माध्यम से, लिखित, ऑडियो या वर्चुअल तरीके से या अन्यथा किसी भी माध्यम से गलत सूचना पोस्ट करने, प्रकाशित करने और उसका प्रचार करने से परहेज करने का निर्देश दिया जाए.’

भाजपा नेताओं ने आयोग से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ को उस कार्यक्रम के वीडियो को हटाने का निर्देश देने का भी आग्रह किया, जिसे राहुल गांधी ने संबोधित किया था.

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उन्होंने यह भी मांग की कि निर्वाचन आयोग मंच को ‘फर्जी खबरें फैलाने के लिए’ कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल को निलंबित करने का निर्देश दे.

उन्होंने कहा, ‘आयोग आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के इस घोर उल्लंघन का संज्ञान लें और सुनिश्चित करें कि इस तरह के अपराध भविष्य में कभी दोहराए नहीं जाएं.’

भाजपा नेताओं ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आधिकारिक बयानों के बावजूद ईवीएम मशीनों के बारे में झूठ और अन्य गलत सूचना प्रसारित करने से चुनाव प्रक्रिया में नागरिकों के विश्वास पर असर पड़ सकता है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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