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बीजेपी का सोनिया-राहुल पर 'सोरोस अटैक', जानें बीजेपी ने संसद में कैसे पलटा सीन  


नई दिल्ली:

‘कांग्रेस और जॉर्ज सोरोस का क्‍या संबंध है? सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस से क्‍या संबंध है, राहुल गांधी का क्‍या संबंध है? ये देश की सुरक्षा का सवाल है…’ संसद का शीतकालीन सत्र जारी है और पिछले कई दिनों से कांग्रेस पार्टी मणिपुर के हालात और संभल हिंसा को लेकर बीजेपी पर हमलावर नजर आ रही थी. इन मुद्दों को लेकर लोकसभा और राज्‍यसभा में लगातार हंगामा हुआ और काम ठप्‍प रहा. लेकिन सोमवार को संसद में नजारा एकदम जुदा नजर आया. आज बीजेपी संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस पर हमलावर नजर आई. बीजेपी सांसद सदन में जॉर्ज सोरोस से कांग्रेस पार्टी के नेताओं के कथित संबंधों पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस इस मुद्दे पर बैकफुट पर नजर आ रही है, क्‍योंकि इसमें वरिष्‍ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम सामने आ रहा है.   

‘बहस करने में परेशानी क्‍या है’

उत्तर प्रदेश से बीजेपी सांसद नीरज शेखर ने राज्‍यसभा जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर बहस की मांग की. उन्‍होंने कहा, ‘जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर बहस करने में कांग्रेस पार्ट के सांसदों को परेशानी क्‍या है? वह अमेरिकी उद्योगपति हैं, जो भारत विरोधी अभियानों का हिस्‍सा रहे हैं. यह देश की सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मामला है. कांग्रेस पार्टी के कुछ वरिष्‍ठ नेताओं का नाम अखबारों में आ रहा है, तो इस पर बात करने में आपत्ति क्‍या है? कांग्रेस को इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्‍पष्‍ट करना चाहिए. देश की सुरक्षा की बात यहां नहीं होगी, तो कहां होगी. मैं चाहता हूं कि इस विषय पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए.’

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जॉर्ज सोरोस का क्‍या कांग्रेस से क्‍या रिश्‍ता

जॉर्ज सोरोस मामले में पर लोकसभा, राज्‍यसभा में जमकर हंगामा हुआ. उत्‍तर प्रदेश से बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने सदन में पूछा, ‘कांग्रेस और जॉर्ज सोरोस का क्‍या संबंध है? सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस से क्‍या संबंध है, राहुल गांधी का क्‍या संबंध है? ये देश की सुरक्षा का सवाल है. ये जांच का विषय है और इस पर सदन में बहस होनी चाहिए. आखिर क्‍या वजह है, जो कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर बहस करने से बचती नजर आ रही है.  

‘जॉर्ज सोरोस की मदद से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के एजेंट…’

जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर सोमवार को बार-बार सदन की कार्यवाही स्‍थगित हुई. पहली बार के स्थगन के बाद जब राज्‍यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि खबरें आई हैं कि एक राजनीतिक दल के संबंध देश विरोधी ताकतों के साथ हैं और इस पर हमारे सदस्यों में रोष हैं. उन्होंने कहा, ‘हम इस पर चर्चा चाहते हैं.’ इसके बाद सभापति ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य राधामोहन दास अग्रवाल का नाम पुकारा. अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोग किस प्रकार से बहुराष्ट्रीय कंपनियों और अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस की मदद से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के एजेंट बनकर इस देश में विखंडन पैदा करना चाहते हैं.

‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उसमें भी सोरोस की भूमिका?’

राज्‍यसभा में बीजेपी सांसद राधामोहन दास अग्रवाल जब अपनी बात रख थे, तब राजग के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर हंगामा और शोरगुल कर रहे थे. हंगामे के बीच ही सभापति जगदीप धनखड़ की अनुमति से भाजपा के कुछ सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया और सदन में तत्काल चर्चा कराने की मांग की. जनता दल (यूनाईटेड) के संजय झा ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट आई है कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का जॉर्ज सोरोस से संबंध है. उन्होंने कहा कि सदन में इस मुद्दे पर जरूर चर्चा होनी चाहिए. झा ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उसमें भी सोरोस की भूमिका है. उन्होंने कहा, ‘सोरोस ने आधिकारिक रूप से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हटाने के लिए उन्होंने दस लाख डॉलर रखे हुए हैं.’

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खरगे ने जताई आपत्ति, सुधांशु त्रिवेदी ने किया पलटवार 

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सत्ताधारी दल के सदस्यों की ओर से हंगामा किए जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि किसी सदस्य पर आरोप लगाना उचित नहीं है, खासकर तब जबकि वह सदन में उपस्थित ना हो. भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से किसी भी सदस्य का नाम नहीं लिया गया है और नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी से पता चलता है कि उन्होंने स्वत: स्वीकार किया है कि ‘वह’ सदन में अनुपस्थित सदस्यों में से ही कोई है.  

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया है. केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दर्शाता है. भाजपा ने दावा किया कि ‘फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन’ की सह-अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी, जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से जुड़ी हुई हैं. पार्टी ने कहा कि एफडीएल-एपी फाउंडेशन ने अपने ये विचार व्यक्त किए हैं कि कश्मीर को अलग क्षेत्र माना जाए. भाजपा ने कहा, ‘सोनिया गांधी, और कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव तथा ऐसे संबंधों के राजनीतिक प्रभाव को व्यक्त करता है.’

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