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डॉ मनमोहन सिंह का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा : 56 राज्यसभा सांसदों की विदाई पर PM मोदी

नई दिल्ली:
पीएम मोदी ने राज्यसभा से 56 सांसदों की विदाई के मौके पर एक भावुक कर देने वाला संबोधन दिया. इस मौके पर पीएम मोदी ने सभी सांसदों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और उनके योगदान को
भी याद किया. पीएम मोदी ने राज्यसभा में खास तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को भी याद किया. पढ़ें पीएम मोदी के संबोधन से जुड़ी खास बातें…

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. पीएम मोदी ने कहा कि ये सदन हर दो वर्ष के बाद एक नई प्राण शक्ति प्राप्त करता है. और इसलिए हर दो साल में होने वाली जो विदाई है वो एक प्रकार से विदाई नहीं होती है. वो ऐसी स्मृतियों को यहां छोड़कर जाते हैं जो आने वाली नए सांसदों के लिए अनमोल विरासत होती है. 

  2. कुछ लोग जा रहे हैं. हो सकता है कुछ लोग आने के लिए जा रहे हों. और कुछ लोग जाने के लिए जा रहे हों. मैं विशेष रूप से डॉ.मनमोहन सिंह का स्मरण करना चाहूंगा. उन्होंने छह बार इस सदन को अपने मूल्यवाण विचारों से लाभ दिया है. उनका योगदान बहुत बड़ा रहा है. वैचारिक मतभेद, बहस में छिंटा कसी वो तो बहुत अल्पकालीन होता है. लेकिन इतने लंबे अर्से तक इस सदन और देश का मार्गदर्शन किया है. वो हमेशा-हमेशा याद किए जाएंगे. 

  3. जब भी किसी सदस्य की चर्चा होगी तो उसमें डॉ. मनमोहन सिंह की चर्चा जरूर होगी. उन्होंने जिस प्रकार की प्रतिभा के दर्शन अपने कार्यकाल में कराए हैं वो अद्भूत है. 

  4. बीते दिनों सदन में एक वोटिंग की प्रक्रिया थी. मनमोहन सिंह को पता था कि उनके एक वोट से कुछ ज्यादा नहीं बदलने वाला है. क्योंकि सत्ता पक्ष के पास वोट कहीं ज्यादा थे. लेकिन इसके बावजूद भी वो सदन में व्हील चेयर पर आए. और उन्होंने अपना वोट दिया. इससे पता चलता है कि एक सांसद अपने दायित्व के लिए कितना सजग है. 

  5. ये एक प्रेरक उदाहरण था. बीते दिनों कमेटी मेंबर्स के चुनाव हुए. मनमोहन सिंह वहां भी व्हील चेयर पर वोट देने आए और उन्होंने मतदान भी दिया. 

  6. सवाल ये नहीं है कि मनमोहन सिंह किसको ताकत देने आए थे. मैं मानता हूं कि वो लोकतंत्र को ताकत देने आए थे. और इसलिए विशेष रूप से मैं उनकी लंबी उम्र के लिए हम सब की तरफ से प्रार्थना करता हूं. 

  7. जो हमारे साथी नए दायित्व की तरफ आगे बढ़ रहे हैं. जो इस सीमित विस्तार से  बड़े विस्तार की तरफ जा रहे हैं. राज्यसभा से निकल कर जनसभा में जा रहे हैं. उनके साथ यहां का अनुभव देश के लिए बहुत बड़ी पूंजी बनकर के निकलेगा. 

  8. ये जो सांसद जा रहे हैं ये वो सांसद हैं जिनको दोनों सदन में रहने का मौका मिला है. ये साथी जो जा रहे हैं वो आजादी के 75 वर्ष अमृत काल का साक्षी बनकर जा रहे हैं. 

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