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Delhi Pollution: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच बारिश से मिली राहत, AQI में मामूली सुधार

Delhi Air Quality: दिल्ली में रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का औसत शाम 4 बजे 395 दर्ज किया गया.(फाइल फोटो)

खास बातें

  • कल दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में हुई बारिश
  • रात 8.30 बजे तक 7.2 मिमी बारिश दर्ज
  • दिल्ली का AQI सुधरकर रात 10 बजे 387 पर पहुंचा

नई दिल्ली:

Delhi Pollution: सोमवार को दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में  बारिश और तेज हवा के कारण एयर क्वालिटी में मामूली सुधार हुआ.राष्ट्रीय राजधानी के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने रात 8.30 बजे तक 7.2 मिमी बारिश दर्ज की. मौसम विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने कहा कि बारिश के कारण हवा की गति सुधरकर 20 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई, जिससे प्रदूषक तत्वों के बिखराव में मदद मिली. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स  (AQI) कल शाम 4 बजे 395 और सुबह 9 बजे 400 से सुधरकर रात 10 बजे 387 पर पहुंच गया.

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जानें बीते कुछ दिनों में कैसा रहा औसत AQI

किसी भी समय एयर क्वालिटी इंडेक्स  (AQI) पिछले 24 घंटों में ली गई रीडिंग का औसत है. 24 घंटे का औसत AQI, हर दिन शाम 4 बजे दर्ज किया गया, रविवार को 395, शनिवार को 389, शुक्रवार को 415, गुरुवार को 390, बुधवार को 394, मंगलवार को 365, सोमवार को 348 और 19 नवंबर को 301 था. इससे पहले दिन में, दिल्ली में धुंध की मोटी परत छा गई, जिससे सफदरजंग वेधशाला में सुबह 8 बजे विजिबिलिटी घटकर केवल 600 मीटर रह गई. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विजिबिलिटी 800 मीटर थी.

बता दें कि AQI शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 और 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर ‘गंभीर-प्लस’ माना जाता है.’.

नवंबर में अब तक 10 गंभीर एयर क्वालिटी वाले दिन दर्ज

राष्ट्रीय राजधानी में इस नवंबर में अब तक 10 गंभीर एयर क्वालिटी (Air Quality) वाले दिन दर्ज किए गए हैं. शहर में पिछले साल नवंबर में केवल तीन गंभीर एयर क्वालिटी  वाले दिन दर्ज किए गए, जबकि 2021 में ऐसे 12 दिन महसूस किए गए, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा निगरानी शुरू करने के बाद से इस महीने में सबसे अधिक है. सीपीसीबी के अनुसार, नवंबर 2020 में ऐसे नौ, 2019 में  सात , 2018 में पांच, 2017 में सात, , 2016 में 10 और 2015 में छह दिन थे.

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“पराली जलाना दिल्ली की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण”

दिल्ली सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर की एक संयुक्त परियोजना के अनुसार, पराली जलाना दिल्ली की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण था, जिसका योगदान प्रति वर्ष 31 से 51 था. पिछले कुछ दिनों में राष्ट्रीय राजधानी के वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) में बढ़ोतरी हुई.

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती का निर्देश

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित एजेंसियों और विभागों को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने और पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं की जांच करने का निर्देश दिया है. 

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