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"400 उम्मीदवार…" : EVM की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने का दिग्विजय सिंह ने सुझाया फॉर्मूला

‘वादा निभाओ पदयात्रा’ पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह

भोपाल:

मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है. 33 साल बाद अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र राजगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उतरे हैं. ‘वादा निभाओ पदयात्रा’ कर रहे हैं दिग्विजय शुरू से ईवीएम के खिलाफ रहे हैं. लेकिन इस बार एक खास अपील भी कर रहे हैं.

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PM मोदी मोदी के नेतृत्व में NDA ने लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है, इस लक्ष्य में बैलेट पेपर से रोड़ा अटकाया जा सकता है, इसके लिए ‘वादा निभाओ पदयात्रा’ पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खास रणनीति भी बनाई है.

“चुनाव बैलेट पेपर से हुआ तो…”

दिग्विजय सिंह कहते हैं, “राजगढ़ लोकसभा सीट से हम लोग 400 उम्मीदवार खड़े करें. ताकी मतपत्र से चुनाव हो मशीन से ना. 400 उम्मीदवार खड़े हो जाएंगे तो बैलेट पेपर से चुनाव होगा. चुनाव बैलेट पेपर से हुआ तो भाजपा किसी हालत में नहीं जीतेगी. बता दें कि 2013 में आई एम3 में एक श्रृंखला में 24 मतदान इकाइयों (बीयू) को एक मास्टर कंट्रोल यूनिट से जोड़ा जाता है, जिसमें अधिकतम 384 उम्मीदवारों के नाम दर्ज हो सकते हैं.

दिग्विजय सिंह ने EVM पर खड़े किए सवाल

अपनी पदयात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह बीजेपी के 2023 विधानसभा चुनाव के वादों के बारे में लोगों को बता रहे हैं. उनका कहना है ये वो वादे हैं जो डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में 100 दिन पूरे होने के बाद भी अधूरे हैं. हालांकि, यहां भी जोर ईवीएम पर है, कुछ दिनों पहले भोपाल में अपने आवास पर एक मॉक पोल के जरिये दिग्विजय ने ईवीएम में हेरफेर के अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए गुजरात के कुछ विशेषज्ञों को भी बुलाया था. हालांकि, बीजेपी का कहना है कि दिग्विजय सिंह को कोई गंभीरता से नहीं लेता.

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33 साल बाद राजगढ़ सीट से चुनावी मैदान में दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह को 33 साल बाद राजगढ़ सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया है. उन्होंने 1984 और 1991 में सीट जीती, लेकिन 1989 में उसी सीट से हार गए. उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह भी इस सीट से पांच बार जीत चुके हैं. सिंह का मुकाबला बीजेपी से दूसरी बार सांसद चुने गए रोडमल नागर से है. राजगढ़ सीट मध्य प्रदेश के तीन जिलों – गुना, राजगढ़ और आगर-मालवा की आठ विधानसभा सीटों को कवर करती है, जहां तीसरे चरण (7 मई) में मतदान होगा. दिग्विजय सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा था, लेकिन बीजेपी की प्रज्ञा ठाकुर से 3.64 लाख वोटों के भारी अंतर से हार गए थे.

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