UNSC में भारत की दावेदारी का एलन मस्क ने किया समर्थन, सोशल मीडिया पर कही ये बात
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भारत को संयुक्त राष्ट्र परिषद में स्थायी सदस्यता न मिलना बेतुका है.
नई दिल्ली:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की भारत की दावेदारी को अब दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क का साथ मिल गया है. टेस्ला और स्पेसएक्स कंपनी के मालिक एलन मस्क ने कहा है कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता नहीं दिया जाना बेतुका है.
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एलन मस्क ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि एक समय पर संयुक्त राष्ट्र के निकायों में सुधार की जरूरत है. समस्या ये है कि जिनके पास ज्यादा ताकत है, वे इसे छोड़ना नहीं चाहते. धरती पर सबसे ज़्यादा आबादी वाल देश होने के बावजूद भारत को संयुक्त राष्ट्र परिषद में स्थायी सदस्यता नहीं मिलना बेतुका है. अफ़्रीका की भी सामूहिक रूप से एक सीट होनी चाहिए.
At some point, there needs to be a revision of the UN bodies.
Problem is that those with excess power don’t want to give it up.
India not having a permanent seat on the Security Council, despite being the most populous country on Earth, is absurd.
Africa collectively should…
— Elon Musk (@elonmusk) January 21, 2024
एलन मस्क ने यह जवाब माइकल आइजेनबर्ग की पोस्ट पर दिया है. माइकल ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के एक बयान पर भारत की बात की थी. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने एक पोस्ट में अफ्रीका के लिए स्थायी सीट का समर्थन किया था तो इसपर माइकल ने पोस्ट करते हुए लिखा था, ”’और भारत के बारे में क्या कहेंगे? अच्छा तो ये होगा कि मौजूदा यूएन को भंग कर दिया जाए और नए नेतृत्व के साथ फिर से इसे अस्तित्व में लाया जाए”.
बता दें कि भारत पिछले 16 सालों में 8 बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य रह चुका है. साथ ही भारत G4 का भी सदस्य है. G4 – ऐसे देशों का समूह है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता पाने के लिए एक दूसरे का समर्थन करते हैं.
इस पर पीएम मोदी ने कहा था, “जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी, उस समय की दुनिया आज से बिल्कुल अलग थी. उस समय संयुक्त राष्ट्र में 51 संस्थापक सदस्य थे. आज संयुक्त राष्ट्र में शामिल देशों की संख्या लगभग 200 है.” इसके बावजूद यूएनएससी में स्थायी सदस्य की संख्या अभी भी वही है.”