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Explainer: हमास ने कैसे अपनी स्पेशल यूनिट्स के साथ इजरायल पर किया हमला

इजरायली सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि शनिवार सुबह तड़के हमला शुरू होने के 48 घंटे से अधिक समय बाद, इजरायली सैनिक गाजा के आसपास आधा दर्जन जगहों पर हमास के बंदूकधारियों से लड़ रहे हैं.

हमास की मिसाइल यूनिट

ऑपरेशन के शुरुआत में, हमास ने कहा कि उसने पहले बैराज में 3000 रॉकेट दागे थे. इजरायल की सेना ने कहा कि सुबह लगभग 6.30 बजे (0330 GMT) बमबारी करते हुए 2500 रॉकेट दागे गए.

रॉकेट छोड़ने का उद्देश्य दहशत और भ्रम पैदा करना था, साथ ही हमास के लड़ाकों को गाजा के आसपास की मजबूत बाड़ को तोड़ने और ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कवर देना था.

हमास की हवाई इकाई

हैंग ग्लाइडर और मोटर चालित पैराग्लाइडर पर लड़ाकू विमानों की टीमों ने सीमा पार उड़ान भरी और मुख्य जमीनी हमले के लिए इलाके को तैयार किया.

हमास द्वारा जारी किए गए वीडियो में वायु सेना फाल्कन स्क्वाड्रन नाम के बैज के साथ यूनिट को हमले के लिए प्रशिक्षण देते हुए दिखाया गया है. कुछ आतंकवादियों ने एक-व्यक्ति वाला पैराग्लाइडर का इस्तेमाल किया और अन्य ने दो लोगों के लिए बने पैराग्लाइडर का इस्तेमाल किया. इसमें उन्हें हथियारों के साथ टारगेट पर उतरने का प्रशिक्षण लेते हुए दिखाया गया.

फ़ुटेज में वो पल दिखाया गया, जब हवाई यूनिट ने इजरायल में एक रेगिस्तानी उत्सव पर हमला किया. कुछ फ़ुटेज में लड़ाकू विमानों को हवा में देखा जा सकता है.

हमास की एलीट कमांडो ग्राउंड यूनिट

यह 400 स्ट्रॉंग एलीट फोर्स था, जो विस्फोटकों का उपयोग कर गाजा बाड़ को तोड़ता था, ताकि वे इजरायली सीमा में घुसपैठ कर सकें. मोटरसाइकिलों पर कुछ लोगों के पार होने के बाद, दरार को चौड़ा करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया, ताकि टीमें चार-पहिया ड्राइव वाहनों में इजरायली क्षेत्र में प्रवेश कर सकें.

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सूत्र ने कहा, कमांडो ने पहली इजरायली रक्षा पंक्तियों पर हमला किया, सैनिकों के सोने के क्वार्टरों पर छावा बोला और दक्षिणी गाजा के लिए इजरायल के सैन्य अभियान के ठिकानों और मुख्यालयों पर कब्जा कर लिया.

हमास द्वारा जारी किए गए वीडियो में लड़ाकों को सुरक्षा बाड़ तोड़ते हुए दिखाया गया है, मंद रोशनी और कम सूरज से पता चलता है कि यह रॉकेट बैराज के समय के आसपास था.

हमास की ड्रोन यूनिट

सीमा पर निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया.

हमास ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उसने ज़ौरी नामक ड्रोन का जिक्र किया है और कहा है कि इनका इस्तेमाल घुसपैठ के लिए रास्ता बनाने के लिए किया गया था. इसने आतंकवादियों द्वारा गाजा से ड्रोन लॉन्च करने का एक वीडियो भी जारी किया.

हमास की ख़ुफ़िया इकाई

इस यूनिट का इस्तेमाल इजरायली सैनिकों की स्थिति और गतिविधियों की पहचान करने और उनके मुख्यालय की निगरानी करने के लिए किया जाता था. सूत्र ने इस इकाई के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी.

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