"सबसे सुखद क्षण": रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह में सैनिकों के साथ मनाई होली
उन्होंने जवानों और अन्य वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों से बात करते हुए कहा, “अगर दिल्ली हमारी राष्ट्रीय राजधानी है, तो लद्दाख बहादुरी और वीरता की राजधानी है. आपके साथ होली मनाना मेरे लिए सबसे खुशी के क्षणों में से एक है. उन्होंने कहा कि, ”सियाचिन कोई साधारण भूमि नहीं है. यह भारत की संप्रभुता और दृढ़ संकल्प का एक अटल प्रतीक है. यह हमारे राष्ट्रीय दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है.”
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— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) March 24, 2024
राजनाथ सिंह ने कहा कि, ”पांच साल पहले जब रक्षा मंत्रालय का दायित्व मुझे मिला था, तो उसी दिन मैंने प्लान किया, और मेरा पहला दौरा कहीं और का नहीं, बल्कि सियाचिन का ही हुआ था. आज मौसम खराब होने के कारण सियाचिन जाना संभव नहीं हो पाया. इसलिए वहां तैनात सभी सैनिकों को यहीं लेह से होली की शुभकामनाएं देता हूं.”
सिंह ने कहा कि, ”वैसे तो अनेक अवसरों पर, हमारी सेना के जवानों से मिलता रहता हूं, लेकिन होली के अवसर पर आप लोगों से मिलना, और आपके साथ होली खेलना, मेरे लिए सबसे सुखद क्षणों में से एक है.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि, ”उत्सव और त्यौहार मनाने का आनंद अपनों के बीच ही आता है. भारत तो पर्व और त्योहारों का देश है. होली, दीपावली, ईद, क्रिसमस जैसे अनेक त्योहारों के समय लोग चाहे जहां कहीं भी रहें, लेकिन इस समय अपने परिवार वालों के बीच लौटते हैं. अपने परिवार वालों के साथ खुशियां बांटते हैं. वही खुशियां बांटने, और होली का पर्व मनाने मैं अपने परिवार के बीच आया हूं. मैं अपने परिवार वालों के साथ रंग खेलने आया हूं.”
On the eve of Holi, addressing the Armed Forces personnel in Leh (Ladakh). https://t.co/kaaSVZU50m
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उन्होंने कहा कि, ”आप सभी सैनिक होने के नाते भारत के प्रत्येक परिवार के सदस्य हैं. मैं भारत के सभी परिवारों के प्रेम का रंग लिए आपके बीच आया हूं. आप भले ही मुझे एक रक्षा मंत्री के रूप में यहां देख रहे होंगे, लेकिन मैं एक रक्षा मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि आपके स्वजन के रूप में होली के दिन अपने परिवार वालों से मिलने आया हूं. मैं देशवासियों की होली की शुभकामनाओं के साथ-साथ आपके लिए उनका आशीर्वाद लाया हूं.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि, ”आज आपके बीच आकर, मैं जो महसूस कर रहा हूं, वह मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं. भारतीय सेना, इच्छाशक्ति और साहस का दूसरा नाम है. आपके बीच आकर, मुझे ऐसा लग रहा है, कि मेरी रगों में रक्त की नई धारा का संचार होने लगा है. आप जिस ऊंचाई पर खड़े होकर, इतनी विषम परिस्थिति में देश की सेवा करते हैं, वह अतुलनीय है.”
उन्होंने कहा कि, ”हड्डियों को कंपा देने वाली सर्द हवाएं जब इन वादियों में बहती हैं, जब हर कोई अपने घरों में दुबक जाना चाहता है, तो उस परिस्थिति में भी आप मौसम से लोहा लेकर, उसकी आंखों में आंखें डालकर खड़े होते हैं. इस अटूट इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने के लिए, देश सदैव आपका ऋणी रहेगा. आने वाले समय में जब राष्ट्रीय सुरक्षा का इतिहास लिखा जाएगा, तब बर्फीले ठंडे ग्लेशियर में उबाल लाने वाली आपकी वीरता के कार्यों को गौरव के साथ याद किया जाएगा.”
राजनाथ सिंह ने कहा कि, ”हम सब जानते हैं कि भारत में एक परंपरा है कि जब भी हमारे यहां कोई शुभ अवसर आता है, तो उसकी शुरुआत हम अपने आराध्य देव की पूजा-अर्चना के साथ करते हैं. हम भोज भी करते हैं, तो पहले ईश्वर को भोग लगाने की विधि होती है. दीपावली का पहला दीया, होली का पहला रंग, यह सब हमारे रक्षकों के नाम होना चाहिए, हमारे सैनिकों के साथ होना चाहिए. पर्व-त्यौहार पहले सियाचिन और कारगिल की चोटियों पर मनाए जाने चाहिए, राजस्थान के तपते रेतीले मैदान में मनाए जाने चाहिए, हिंद महासागर की गहराई में स्थित पनडुब्बी में सवार भारतीय नौसेना के नौसैनिकों के साथ मनाए जाने चाहिए.”
उन्होंने कहा कि, ”मैं तो चाहता हूं कि सैनिकों के साथ ऐसा सेलिब्रेशन हमारी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन जाए कि कारगिल की बर्फ़ीली चोटियों पर, राजस्थान के तपते रेतीले मैदान में, गहरे समुद्र में स्थित पनडुब्बी में, इन जगहों पर, हर बार, सबसे पहले, सम्मान पूर्वक पर्व-त्यौहार मनाया जाए.”
Delighted to celebrate Holi with the soldiers of Indian Armed Forces in Leh, Ladakh. pic.twitter.com/lgff7UXxhA
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रक्षा मंत्री ने कहा कि, ”राष्ट्र-सेवा का आप जो कार्य कर रहे हैं, यह कोई साधारण काम नहीं है. यह एक दैवीय कार्य है. इसका मोल कोई भी कीमत देकर नहीं चुकाया जा सकता. यहां सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियों में भी आप दुश्मन पर गोली दागने के लिए और अपने सीने पर गोली खाने के लिए तैयार हैं, तभी देश में लोग चैन से होली मना पा रहे हैं.”
सिंह ने कहा कि, ”रक्षक होने का आपका कर्तव्य, आपको देवताओं की श्रेणी में ला खड़ा करता है. हमारे जितने भी देवी-देवता हैं, वह सब किसी न किसी तरीके से हमारी रक्षा ही करते हैं. वैसे ही मुझे लगता है कि दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हुए आप सभी सैनिक भी, हमारे लिए किसी रक्षक देवता से कम नहीं है.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ”आपका, आपके बच्चों, माता-पिता यानी आपके परिवार का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है और उसके लिए हम हमेशा तत्पर हैं. मुझे यहां बताने की जरूरत नहीं है कि जिस मुस्तैदी से आप इस देश के लिए तन-मन से समर्पित होकर काम कर रहे हैं, उसी मुस्तैदी के साथ हमारी सरकार भी देश की सेनाओं के लिए काम कर रही है.”
राजनाथ सिंह ने कहा कि, ”आप देश के दुश्मनों की शत्रुतापूर्ण आग से देशवासियों की इसी प्रकार से रक्षा करते रहेंगे, इसी दृढ़ विश्वास के साथ मैं एक बार फिर से आपको, और आपके परिवार जनों को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं.”
(इनपुट एएनआई से भी)