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HC ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के प्रसाद की पेशकश करने वाली वेबसाइट बंद करने का निर्देश दिया

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘‘जनता की धार्मिक आस्था का फायदा उठाकर” और खुद को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का प्रसाद वितरित करने के आधिकारिक मंच के रूप में प्रचारित करके धोखा देने वाली एक वेबसाइट के संचालन को निलंबित करने का आदेश दिया है.

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न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने वेबसाइट के खिलाफ खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा दायर मुकदमे की सुनवाई करते हुए पाया कि प्रतिवादी मंच ‘‘खादी ऑर्गेनिक” के नाम से काम कर रहा था, जो भ्रामक रूप से वादी के नाम के समान था. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का निर्देश भी दिया.

अदालत ने इस महीने की शुरुआत में पारित एक अंतरिम आदेश में कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी संख्या-1 और 2 (वेबसाइट का मालिक और कंपनी) वादी की साख के जरिये जनता की धार्मिक मान्यताओं और आस्था का दोहन करके और धोखा देकर उन्हें प्रतिवादी संख्या-1 और 2 को धन हस्तांतरित करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर एकाधिकार स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.”

इसने कहा, ‘‘असंतुष्ट उपभोक्ताओं द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो के लिंक शिकायत के साथ संलग्न हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि प्रतिवादी नंबर-1 और 2 ने पुष्टिकरण रसीद या प्रेषण का प्रमाण प्रदान किए बिना जनता से गलत तरीके से धन प्राप्त किया है.”

इसके साथ ही अदालत ने संबंधित प्राधिकारी को प्रतिवादी वेबसाइट के पंजीकृत डोमेन नाम/वेबसाइट के संचालन को निलंबित करने का आदेश दिया.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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