'मैंने लाइफ जैकेट पहनी और समंदर में कूद गया…' मुंबई बोट हादसे के पीड़ितों ने सुनाई भयावह कहानी
मुंबई :
मुंबई नौका हादसे (Mumbai Boat Accident) में जीवित बचे 45 साल के गणेश का कहना है कि जब उन्होंने स्पीड बोट जैसी नाव को उस नौका की ओर तेजी से आते देखा, जिसके डेक पर वह खड़े थे, तो उनके मन में यह विचार आया कि कुछ अप्रिय हो सकता है. बुधवार की दोपहर मुंबई तट के पास नौसेना की एक स्पीड बोट के एक नौका से टकराने के बाद कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि 99 अन्य को बचा लिया गया.
गणेश ने कहा, ‘‘नाव, जो बाद में नौसेना की नाव निकली, अरब सागर में चक्कर लगा रही थी, जबकि हमारी नौका मुंबई के पास एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही थी. मैं दोपहर 3.30 बजे नौका पर चढ़ा था.”
#WATCH | Mumbai Boat accident | Mumbai: The Indian Coast Guard releases the video of the rescue operation of the capsized boat near the Gateway of India.
There were a total of 85 passengers on board including the crew. 80 people have been rescued so far and 5 people are… pic.twitter.com/oTLr4SuaJG
— ANI (@ANI) December 18, 2024
दिमाग में आया था नौसेना की नाव के टकराने का विचार
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिमाग में एक पल के लिए यह विचार आया कि नौसेना की नाव हमारी नाव से टकरा सकती है, और अगले कुछ सेकंड में ऐसा ही हो गया.”
गणेश ने कहा कि हादसे के वक्त वह दुर्भाग्यपूर्ण नील कमल नौका के डेक पर खड़े थे. हैदराबाद के रहने वाले गणेश इस हादसे के बाद बचाए गए 99 लोगों में शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि नौका पर बच्चों सहित 100 से अधिक यात्री सवार थे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं 3.30 बजे टिकट खरीदने के बाद नौका पर चढ़ा और डेक पर चला गया.”
#WATCH | Mumbai Boat Accident | The Indian Coast Guard carried out rescue operations after a ferry capsized near the Gateway of India.
(Video Source: Indian Coast Guard) pic.twitter.com/dAGOT83v2X
— ANI (@ANI) December 18, 2024
‘अरब सागर और मुंबई के आसमान को निहार रहा था’
गणेश ने कहा, ‘‘जब मैं अरब सागर और मुंबई के आसमान को निहार रहा था, तब नौका तट से लगभग आठ से 10 किमी दूर थी, मैंने देखा कि स्पीड बोट जैसा जहाज हमारी नौका के पास पूरी गति से चक्कर लगा रहा था.”
उन्होंने बताया कि दुर्घटना में नाव में सवार एक नौसेना कर्मी की पैर कटने से मौत हो गई.
उन्होंने बताया, ‘‘जैसे ही नाव हमारी नौका से टकराई, समुद्र का पानी हमारे जहाज में आने लगा, जिसके बाद नाव के कप्तान ने यात्रियों से कहा कि वे लाइफ जैकेट पहनें, क्योंकि नाव पलटने वाली थी.”
गणेश ने बताया, ‘‘मैंने लाइफ जैकेट ली, ऊपर गया और समुद्र में कूद गया.”
15 मिनट तैरने के बाद एक अन्य नाव ने बनाया
उन्होंने बताया कि वह 15 मिनट तक तैरते रहे, तभी उन्हें पास में ही मौजूद एक अन्य नाव ने बचा लिया और अन्य लोगों के साथ गेटवे ऑफ इंडिया ले आई.
उन्होंने बताया कि नौसेना, तटरक्षक और समुद्री पुलिस की बचाव टीम टक्कर के आधे घंटे के भीतर नौका के पास पहुंच गई थीं.
उन्होंने बताया, ‘‘मैं बचाए गए 10 यात्रियों के पहले समूह में था.”
नाव में पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट नहीं थी : मथम
बेंगलुरू निवासी विनायक मथम भी इस हादसे में बचने वाले सौभाग्यशाली लोगों में शामिल रहे. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वह अपने दो सहकर्मियों के साथ इस दुर्भाग्यपूर्ण नौका पर सवार थे.
उन्होंने कहा, ‘‘पहले तो मुझे लगा कि नौसेना के क्राफ्ट कर्मी मौज-मस्ती के लिए निकले हैं, क्योंकि उनकी नाव हमारी नौका के चारों ओर चक्कर लगा रही थी.”
उन्होंने कहा, ‘‘नौका में पर्याप्त लाइफ जैकेट नहीं थे.”
उन्होंने कहा, ‘‘जब यात्री नौका पर चढ़े, तो उन्हें लाइफ जैकेट पहनाई जानी चाहिए थी.”