"अगर मैं राष्ट्रपति होता तो इजरायल में अत्याचार नहीं होते": पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प
सोमवार को न्यू हैम्पशायर में एक कैंपेन स्पीच में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने व्हाइट हाउस के उत्तराधिकारी जो बाइडेन की आलोचना की. डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले सप्ताहांत में इज़रायल पर हुए घातक हमास हमले के लिए बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया. ट्रम्प ने कहा कि उनके नेतृत्व में ऐसी घटनाएँ नहीं घटी होंगी.
यह भी पढ़ें
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “लोग हमारे देश में आ रहे हैं और हमें नहीं पता कि वे कहाँ से आ रहे हैं. वही लोग जिन्होंने अभी-अभी इज़राइल पर हमला किया था, आप जानते हैं, सही कहा न? क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इस आदमी (जो बाइडेन) ने हमारे साथ क्या किया है? उन्होंने कहा, ऐसा कभी नहीं हुआ होगा. इज़रायल पर हमला कभी नहीं हुआ होगा.कल जो हुआ वह अविश्वसनीय था.”
”वीभत्स…छोटे बच्चों को मार डाला गया… जब मैं राष्ट्रपति था, हमारे पास ताकत के रूप में शांति थी, और अब हमारे पास कमजोरी, संघर्ष और अराजकता है. जो अत्याचार इजरायल में हो रहे हैं अगर मैं राष्ट्रपति होता तो कभी नहीं होता.”
एनबीसी न्यूज के मुताबिक, ”ट्रंप की टिप्पणियां काफी हद तक हमलों के बाद जारी किए गए एक बयान और शनिवार को आयोवा में आयोजित दो अभियान कार्यक्रमों के दौरान उनके द्वारा कही गई बातों को दर्शाती है.” ट्रम्प ने ईरान को $6 बिलियन के हस्तांतरण का हवाला दिया, जिस पर बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों ने जोर दिया है कि इसे अभी तक खर्च नहीं किया गया है.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने बयान में कहा, “हमास के ये हमले अपमानजनक हैं, और इज़रायल को भारी ताकत से अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है. दुख की बात है कि अमेरिकी करदाताओं के डॉलर ने इन हमलों को फंडिंग करने में मदद की, जो कई रिपोर्टों में कहा गया है कि यह बाइडेन प्रशासन से आया है.” . ट्रम्प ने दुखद घटनाओं को वैश्विक मंच पर संयुक्त राज्य अमेरिका की कथित कमजोरी के प्रमाण के रूप में उजागर किया है.