इमरान खान ने पीएमएल-एन, पीपीपी के साथ गठबंधन से किया इंकार
पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने 266 सदस्यीय असेंबली में 101 सीटें जीती जिसमें से अधिकतर पीटीआई द्वारा समर्थित उम्मीदवार थे. अन्य पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने 75 सीटें जीती और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटों पर जीत हासिल की.
देश में गठबंधन सरकार अपरिहार्य प्रतीत होती है क्योंकि नेशनल असेंबली में किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. पाकिस्तान में त्रिशंकु संसद की स्थिति बन सकती है. शरीफ की पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच दो दिनों से बातचीत चल रही है. वहीं, निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने पाले में लाने के लिए प्रयास चल रहे हैं और माना जा रहा है कि यह काम आसानी से हो जाएगा.
खान ने कहा कि पीएमएल-एन, पीपीपी और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के साथ कोई बातचीत नहीं होगी लेकिन उन्होंने अन्य सभी पार्टियों और समूहों से संपर्क करने की इच्छा जताई है.
उन्होंने कहा, ”पीएमएल-एन, पीपीपी और एमक्यूएम के साथ कोई गठबंधन नहीं हो सकता है.” उन्होंने पीटीआई के सूचना सचिव रऊफ हसन को इन तीन पार्टियों को छोड़कर सभी पार्टियों को एक साथ लाने का निर्देश दिया है.
खान ने यह भी आरोप लगाया कि चुनावों में धांधली हुई है और कहा कि इससे देश में अस्थिरता बढ़ेगी तथा अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कि स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव ही इसका एकमात्र समाधान है.
उन्होंने आरोप लगाया, ”देश के इतिहास में ऐसी चुनावी धोखाधड़ी कभी नहीं हुई.”
खान ने आरोप लगाया,”धन शोधन करने वाले गुट को सत्ता में लाने का प्रयास किया जा रहा है. शरीफ का परिवार देश में धन शोधन का सबसे बड़ा आरोपी है.” उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या डॉलर है और आरोप लगाया कि शरीफ परिवार विदेश में डॉलर भेजता है.
जियो न्यूज पोर्टल ने खान के आरोप के हवाले से कहा, ‘जिन लोगों को (शासन में) लाया गया है, वे धन शोधन के सबसे बड़े आरोपी हैं.’
पीटीआई के संस्थापक ने दावा किया कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज दोनों चुनाव हार गए और कहा,”हम चुनाव परिणामों को चुनौती देने वाली पहली पार्टी हैं. हम चुनाव नतीजों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएंगे.”
क्रिकेटर से नेता बने खान ने कहा कि जब नवाज शरीफ ने अपना संवाददाता सम्मेलन स्थगित किया तो उन्हें पता था कि उनकी पार्टी चुनाव हार गई है. खान से जब से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी सूबे या केंद्र में सरकार बनायेगी तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पहले चुनाव नतीजों को चुनौती देगी.
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