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In-depth : BJP ने 101 सांसदों के काटे टिकट, आधा घंटा पहले कांग्रेस से आए नेता को भी मिला मौका

बीजेपी ने जिन 407 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, उसमें 291 सीटों पर बीजेपी के सांसद हैं. इन सांसदों में पार्टी ने 101 सांसदों का टिकट काट दिया है. आंकड़ों के हिसाब से देखें तो 34 फीसदी मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए गए हैं. 2019 में बीजेपी ने अपने 282 सांसदों में 119 सांसदों के टिकट काटे थे. उस वक्त आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी ने 42% सांसदों को दोबारा मैदान में नहीं उतारा था. इस बार उस हिसाब से कई सांसदों के लिए राहत की बात है कि उन्हें टिकट मिल गया है. कई ऐसे सांसद हैं, जो तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे.

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सातवीं लिस्ट में 2 और छठी लिस्ट में 3 नाम

लिस्ट की बात करें, तो बुधवार को जारी बीजेपी की सातवीं लिस्ट में दो राज्यों के दो कैंडिडेट का नाम है. महाराष्ट्र के अमरावती से नवनीत राणा को टिकट दिया गया है. वहीं, दूसरा नाम गोविंद करजोल का है, जो कर्नाटक के चित्रदुर्ग से चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए छठी लिस्ट जारी की. इसमें 3 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया था. राजस्थान के करौली-धौलपुर से इंदुदेवी जाटव और दौसा से कन्हैयालाल मीणा को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, इनर मणिपुर से थौनाओजम बसंत कुमार सिंह को टिकट दिया गया है. दिलचस्प ये है कि इन तीनों सीटों पर बीजेपी ने नए उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि मणिपुर इनर से केंद्रीय मंत्री राजकुमार का टिकट काट दिया गया है.

वरुण गांधी को नहीं मिला पीलीभीत से टिकट 

इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा बीजेपी की पांचवीं लिस्ट की हो रही है. 24 मार्च को बीजेपी ने पांचवीं लिस्ट जारी की थी. लिस्ट में 111 उम्मीदवारों के नाम थे. कई दिग्गजों का टिकट काट दिया गया था. इस लिस्ट में वरुण गांधी को पीलीभीत से टिकट नहीं मिला. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को गाज़ियाबाद से उम्मीदवार नहीं बनाया गया. वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का बिहार के बक्सर से टिकट काट दिया गया. जबकि बयानों को लेकर विवादों में रहे अनंत कुमार हेगड़े को भी पार्टी ने ड्रॉप कर दिया है.

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ये माना जा रहा है कि वरुण गांधी को पार्टी लाइन से हटकर बयान देने की वजह से टिकट नहीं मिल पाया है. उन्हें टिकट देने की पेशकश दूसरे दल कर रहे हैं, लेकिन वरुण गांधी ने अभी तक तय नहीं किया है कि वो क्या करेंगे. 

वीके सिंह को भारी पड़ी कार्यकर्ताओं से दूरी

वहीं, गाज़ियाबाद बीजेपी का गढ़ माना जाता है. जनरल वीके सिंह यहां रिकॉर्ड वोटों से चुनाव जीते थे. बावजूद इसके उनका टिकट काट दिया गया. पार्टी के सूत्र कहते हैं कि जनरल वीके सिंह को कार्यकर्ताओं से उनकी दूरी भारी पड़ी है. अब इस सीट से अतुल गर्ग बीजेपी उम्मीदवार हैं.

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बक्सर में मिथिलेश तिवारी ने किया अश्विनी चौबे को रिप्लेस

बक्सर सीट पर बीजेपी का लंबे समय से कब्ज़ा रहा है. यहां पहले लालमुनि चौबे और फिर अश्विनी चौबे सांसद रहे. अब पार्टी ने यहां बदलाव कर मिथिलेश तिवारी को मैदान में उतारा है. मिथिलेश तिवारी की मानें, तो पार्टी ने अश्विनी चौबे के लिए कुछ और ज़िम्मेदारी के बारे में सोचा होगा. इसलिए उन्हें टिकट नहीं दिया गया.

अरुण गोविल को मेरठ और कंगना रनौत को मंडी से टिकट

बीजेपी की पांचवीं लिस्ट में कई चौंकाने वाले नाम सामने आए. बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश के मंडी सीट से टिकट दिया गया. बीजेपी ने ‘रामायण’ सीरियल में प्रभु श्रीराम की जीवंत भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को मेरठ से चुनावी मैदान में उतारा है. मेनका गांधी को यूपी के सुल्तानपुर से टिकट मिला. कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल का टिकट कंफर्म हो गया. उन्होंने रविवार को ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. ओडिशा की पुरी सीट से एक बार फिर संबित पात्रा किस्मत आजमाएंगे. जबकि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ओडिशा के संबलपुर से मौका दिया गया है. 

बीजेपी ने अब तक काटे 101 सांसदों के टिकट 

बीजेपी ने अब तक 101 सांसदों के टिकट काट दिए हैं. इनमें दिल्ली में 7 में से 6 सांसद शामिल हैं. सिर्फ मनोज तिवारी को रिपीट किया गया है. वह उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं. कर्नाटक में 25 में 12 सांसदों को इस बार ड्रॉप किया गया है. उत्तराखंड में 5 में से 2 सांसदों का टिकट कटा है. राजस्थान में 8 सांसदों का टिकट कटा है. इनमें 3 विधायक बन चुके हैं. असम में 9 सांसदों में 5 को ड्रॉप किया गया है.

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गुजरात में 26 में 15 सांसदों का टिकट काटा गया है. झारखंड में 11 में 5 सांसदों को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. हरियाणा में 3 सांसदों के टिकट काटे गए हैं. इनमें एक सीएम बन चुके हैं और एक कांग्रेस में जा चुके हैं. ओडिशा में 4 और बिहार में 3 सांसदों को पार्टी ने रिपीट नहीं किया है. 

दूसरे दलों से आए नेताओं को मिली तवज्जो

बीजेपी ने दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट देने में तरजीह दी है. बीएसपी से आए रितेश पांडे को अंबेडकरनगर से टिकट मिला है. कांग्रेस से आईं गीता कोड़ा को चाईबासा से टिकट मिला है. कांग्रेस से आए नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है. टिकट की घोषणा से सिर्फ आधे घंटे पहले नवीन जिंदल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. जेएमएम छोड़कर बीजेपी में आईं पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को दुमका से टिकट मिला है. 

राज्यसभा सदस्यों को भी लोकसभा चुनाव में उतारा

बीजेपी ने उन सांसदों को भी लोकसभा चुनाव में उतारा है, जो राज्यसभा से जीतकर आ रहे थे. ये मोदी सरकार में मंत्री भी बने थे. इसमें पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और मनसुख मांडविया का नाम शामिल है.

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अब तक 66 महिलाओं को मिला टिकट 

महिलाओं को टिकट देने को लेकर हर राजनीतिक दल बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन 33% उम्मीदवार अभी तक शायद किसी पार्टी ने बनाया होगा. बीजेपी की अब तक की लिस्ट में 66 महिला उम्मीदवार हैं. पार्टी की पहली लिस्ट में 28 महिलाओं को टिकट मिला है. दूसरी लिस्ट में 15 महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा गया. चौथी लिस्ट में बतौर उम्मीदवार 2 महिलाओं के नाम का ऐलान हुआ. पांचवीं लिस्ट में 20 महिला उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई. छठी लिस्ट में एक महिला उम्मीदवार का नाम है. हालांकि, बिहार की 17 सीटों में बीजेपी ने किसी महिला उम्मीदवार को नहीं उतारा है.

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बीजेपी ने इस बार कई विवादित सांसदों के टिकट काटे हैं. अब तक किसी विवादित नेता को टिकट नहीं मिला है. पार्टी ने इस बार प्रज्ञा ठाकुर का टिकट काट दिया है. रमेश बिधूड़ी का टिकट भी कट चुका है. प्रवेश वर्मा को भी ड्रॉप किया गया. प्रताप सिम्हा को भी मौका नहीं मिला. अनंत कुमार हेगड़े को भी रिप्लेस किया गया है.

मिशन 370 के लिए पीएम मोदी का दक्षिण भारत पर फोकस

पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी के लिए 370 और एनडीए के लिए 400+ सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री लगातार दक्षिण भारत में ज़बरदस्त प्रचार कर रहे हैं. उत्तर भारत के कई राज्यों में बीजेपी लगभग सभी सीटें पिछले लोकसभा चुनाव में ही जीत चुकी है. ऐसे में अगर 370+ पर जाना है, तो उसके लिए दक्षिण भारत में बेहतर प्रदर्शन की ज़रूरत पड़ेगी.

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