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क्या स्पेस में सुनीता विलियम्स के पास खाने और ऑक्सीजन की होने जा रही है किल्लत? जानें ISS का सर्वाइवल प्लान


नई दिल्ली:

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ( Sunita Williams) और उनके साथी बुश विलमोर (Butch Wilmore) की धरती पर वापसी फरवरी 2025 तक टाल दी गई है. दोनों 2 महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी स्पेस में हैं. फरवरी 2025 तक उन्हें स्पेस में करीब 250 दिन बिताए होंगे.

सुनीता विलियम्स ( Sunita Williams) और उनके साथी बुश विलमोर अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के एक मिशन के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) गए थे. 5 जून को उन्होंने स्पेस के लिए उड़ान भरी थी. उन्हें 8 दिन बाद यानी 13 जून को धरती पर लौटना था. लेकिन उनके स्पेसक्राफ्ट में खराबी आ गई. जिसके बाद दोनों ISS में फंसे हुए हैं. अब उन्हें धरती पर लौटने के लिए कुछ महीने और इंतजार करना पड़ेगा. इस बीच स्पेस में सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर के खाने और ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ गई है.  
 

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हालांकि, NASA ने बताया है कि अभी स्पेस में दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को कोई खतरा नहीं है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में पर्याप्त खाने का स्टॉक है. NASA ने एक बयान में कहा, “इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में वो सब कुछ है, जिसकी अंतरिक्ष यात्रियों को जरूरत पड़ सकती है. वहां खाना, पानी, कपड़े और ऑक्सीजन का पर्याप्त इंतजाम है.”

अमेरिका की स्पेस एजेंसी ने यह भी कहा कि ISS में रेगुलर रिसप्लाई मिशन भी चलते हैं, ताकि वहां रह रहे अंतरिक्ष यात्रियों को दिक्कत न हो. कार्गो स्पेसक्राफ्ट से नियमित तौर पर खाना-पानी, फ्यूल और बाकी चीजों की सप्लाई की जाती है.

दो कार्गो स्पेसक्राफ्ट ने ISS में की सप्लाई
NASA ने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जरूरी सामान लेकर हाल ही में दो कार्गो स्पेसक्राफ्ट ISS पहुंचे थे.
इनमें से एक कार्गो में खाना, फ्यूल और दूसरी सप्लाई समेत 8200 पाउंड का सामान था. जबकि दूसरा कार्गो 3 टन का सामान लेकर पहुंचा था.

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ISS में दीवारों पर भी सो सकते हैं अंतरिक्ष यात्री
दरअसल, किसी अंतरिक्ष यात्री को ज्यादा समय तक स्पेस में रहने के लिए यूनिक चीजों की जरूरत पड़ती है. ISS में जीरो ग्रैविटी की वजह से अंतरिक्ष यात्री फ्लोर, सीलिंग या दीवारों पर कहीं भी सो सकते हैं. सोने के लिए वो स्लीपिंग स्टेशन का इस्तेमाल करते हैं. फ्लोर, सीलिंग और दीवारों पर स्लीपिंग बैग लगे होते हैं, जिसमें तकिया अटैच रहता है. वहां फोन बूथ भी हैं. चार्जिंग पॉइंट भी हैं. ISS से अंतरिक्ष यात्री वीडियो कॉलिंग भी कर सकते हैं. NASA को ऑडियो कॉल या ईमेल भेज सकते हैं.

ISS में जिम भी करते हैं अंतरिक्ष यात्री
ISS में जिम भी है. इसे एडवांस रेजिस्टिव एक्सरसाइज डिवाइस (ARED) कहते हैं. यहां अंतरिक्ष यात्री वर्कआउट कर सकते हैं. लेकिन वर्कआउट करते समय वैक्यूम सिलिंडर का इस्तेमाल करना पड़ता है, ताकि वजन सिमुलेट हो. ISS में अंतरिक्ष यात्री स्कॉट, डेडलिफ्ट और बेंच प्रेस कर सकते हैं. इससे अंतरिक्ष यात्रियों का मसल मास और बोन डेन्सिटी मेंटेंन रहता है. 

स्पेस में सब्जियां उगा सकती हैं सुनीता विलियम्स
ISS में सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर को वेजिटेबल प्रोडक्शन सिस्टम (वेजी गार्डन) का एक्सेस भी मिला हुआ है. यानी दोनों फ्रेश सब्जियां उगा सकते हैं. यहां तक कि वो स्पेस में पौधे भी लगा रहे हैं, जिनसे फूल भी खिल रहा है.

स्पेस में कब गई थीं सुनीता विलियम्स?
सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर नाम के स्पेसक्राफ्ट से NASA के मिशन पर गई थीं. ये अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग और नासा का संयुक्त ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ है. सुनीता स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं. जबकि बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे.

स्पेसक्राफ्ट में क्या खराबी आई?
सुनीता विलियम्स के स्पेसक्राफ्ट में लॉन्चिंग से पहले ही कुछ न कुछ दिक्कतें आ रही थीं. जिसके चलते कई दफा लॉन्चिंग रोकनी पड़ी थी. 5 जून को लॉन्च के पहले ही स्पेसक्राफ्ट में ऑक्सीडाइजर का फ्लो कंट्रोल करने वाले एक वॉल्व में गड़बड़ी आ गई थी. ऑक्सीडाइजर ऐसे केमिकल होते हैं, जो रॉकेट के फ्यूल को जलाने के लिए जरूरी हैं. क्योंकि जब ऑक्सीडाइजर की मदद से फ्यूल जलता है, तभी रॉकेट अपना रास्ता बदल पाते हैं. आखिरकार लॉन्चिंग तो हो गई. लेकिन जब दोनों को धरती पर लौटना था, तब स्पेसक्राफ्ट से हीलियम लीक होने लगा.

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हीलियम लीक होने का मतलब?
नासा ने कहा था कि स्पेसक्राफ्ट के सर्विस मॉड्यूल के थ्रस्टर में एक छोटा सा हीलियम लीक है. एक स्पेसक्राफ्ट में कई थ्रस्टर होते हैं. इनकी मदद से स्पेसक्राफ्ट अपना रास्ता और स्पीड बदलता है. हीलियम गैस होने की वजह से रॉकेट पर दबाव बनता है. NASA ने बताया कि लॉन्चिंग के 25 दिनों में स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में 5 हीलियम लीक हुए. 5 थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे. रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेस में मौजूद क्रू और अमेरिका के ह्यूस्टन में बैठे मिशन के मैनेजर इसे ठीक नहीं कर पा रहे हैं.

NASA ने एस्ट्रोनॉट्स की वापसी के लिए अब तक क्या स्टेप लिए?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी और बोइंग ने विलमोर और सुनीता विलियम्स को धरती पर वापस लाने की कोशिश में कंप्यूटर मॉडल सिमुलेशन किए हैं. 1 लाख कंप्यूटर सिमुलेशन में यह देखा गया है कि स्पेसक्राफ्ट को स्पेस स्टेशन से अन-डॉक करने, पृथ्वी के वायुमंडल में आने और फिर जमीन पर लैंड करने का सबसे सही मौका और तरीका क्या हो सकता है.

इसके अलावा नासा ने कई और टेस्ट किए हैं. जैसे सभी 27 थ्रस्टर की टेस्टिंग हुई है. यह भी चेक किया गया है कि स्पेस स्टेशन से अनडॉक करते समय (यानी स्पेसक्राफ्ट के वहां से उड़ान भरते समय), फ्री फ्लाई यानी धरती की तरफ आते समय और धरती पर लैंड करते समय सभी थ्रस्टर कैसे काम करेंगे. हालांकि, सॉफ्टवेयर भी अपडेट किए गए हैं. लेकिन अब तक अच्छी खबर नहीं मिली है.

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सुनीता विलियम्स और बुश बिलमोर की वापसी के और क्या ऑप्शन हो सकते हैं?
NASA, बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से सुनीता और विलमोर को वापसी के लिए बाकी ऑप्शन पर भी काम कर रही है.  अगर स्टारलाइनर वाकई में सुनीता को वापस लाने की हालत में नहीं होगा, तो एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. सितंबर में स्पेस स्टेशन पर स्पेसएक्स का एक एयरक्राफ्ट लॉन्च किया जाने वाला है. इसमें 4 की बजाय 2 ही एस्ट्रोनॉट्स स्पेस स्टेशन पर भेजे जाएंगे. खाली जगहें सुनीता और विलमोर के लिए रहेंगी. उनकी वापसी के लिए रूस से भी मदद ली जा सकती है.

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रूस कैसे मदद कर सकता है?
दरअसल, रूस का एक मिशन चल रहा है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अभी रूस के दो एस्ट्रोनॉट्स हैं. ये दोनों सितंबर में अपना एक साल का मिशन पूरा कर लेंगे. फिर इन्हें लेने के लिए एक 3 सीटर वाला रूसी स्पेसक्राफ्ट जाएगा. उनके साथ नासा का एक क्रू मेंबर भी है. मतलब इस स्पेसक्राफ्ट में और किसी के बैठने की जगह नहीं है. इसलिए अगर रूस 5 या  6 सीटर वाला स्पेसक्राफ्ट भेजता है, तो सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर धरती पर लौट सकते हैं.

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