देश

दिल्ली शराब नीति मामला: के कविता ने ED के समन को चुनौती देने वाली याचिका ली वापस, ये है वजह

K Kavitha: के कविता ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली याचिका.

नई दिल्ली:

दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार BRS नेता के कविता ने सुप्रीम कोर्ट (K Kavitha Supreme Court) से अपनी याचिका वापस ले ली है. के कविता की तरफ से कहा गया है कि अब वो गिरफ्तार हो चुकी हैं, लिहाजा ED समन को चुनौती देने वाली याचिका निष्प्रभावी हो गई है. इसी वजह से वह अपनी याचिका वापस लेना चाहती हैं, जिससे वह कानून में मौजूद उपायों को अपना सकें. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी के कविता को याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी है. बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में बीआरएस नेता की तरफ से ईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका 18 मार्च को दाखिल की गई थी. के कविता ने इस दौरान अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था. लेकिन अब उन्होंने अपनी याचिका को वापस ले लिया है.

यह भी पढ़ें

ये भी पढ़ें-“के. कविता ने अरविंद, सिसोदिया संग रची थी साजिश”: ईडी के इस दावे पर AAP ने दी प्रतिक्रिया

ED ने किया के कविता को गिरफ्तार

शराब नीति घोटाला मामले में ईडी (Enforcement Directorate) ने बड़ा एक्शन लेते हुए के कविता (K Kavitha) को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. के कविता के हैदराबाद स्थित घर पर ईडी ने छापेमारी के कुछ घंटों के बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया था. दरअसल शराब नीति घोटाला मामले में के कविता ने ईडी के कुछ समन को नजरअंदाज कर दिया था. बार-बार तलब किए जाने के बाद भी वह पेश नहीं हुईं थीं. जिसके बाद ईडी ने शुक्रवार को उनके घर पर छापेमारी की थी.  गिरफ्तारी के समय के कविता के भाई और तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामा राव और ईडी के अधिकारियों की टीम के बीच जमकर बहस भी हुई थी.

यह भी पढ़ें :-  जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस की राह पर भाजपा, दोनों दल 'PDA' की ताकत से वाकिफ : अखिलेश यादव

शराब नीति घोटाला मामले में फंसीं के कविता

ईडी का दावा है कि के कविता शराब कारोबारियों की लॉबी ‘साउथ ग्रुप’ से जुड़ी हुई थीं, जो 2021-22 के लिये दिल्ली आबकारी नीति में एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश कर रही थी. यह नीति अब रद्द की जा चुकी है. ईडी के मुता‍बिक, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के अन्‍य नेताओं के साथ ही इस मामले में साउथ ग्रुप के सारथ रेड्डी, एम श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुंटा और के कविता शामिल थे, जिनका प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुची बाबू ने किया था. 

2021-22 की यह शराब नीति थोक विक्रेताओं के लिए असाधारण रूप से 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत लाभ मार्जिन के साथ लाई गई थी. ईडी के मुताबिक, 12 प्रतिशत मार्जिन में से 6 प्रतिशत थोक विक्रेताओं से AAP के नेताओं को रिश्वत के रूप में वापस वसूल किया जाना था. 

के कविता पर सबूतों को नष्ट करने का आरोप

ईडी का आरोप है कि के कविता ने 2021 और 2022 में कम से कम दस फोन का इस्तेमाल किया था. संदेह है कि इन फोनों का इस्तेमाल डिजिटल सबूतों को नष्ट करने और जांच को पटरी से उतारने के लिए किया गया था. ईडी के मुताबिक वह घोटाले में सक्रिय भागीदार थी और उसने अपने सहयोगियों अरुण पिल्लई, बाबू और अन्य को रिश्वत देकर व्यापार करने के तरीके के बारे में बताया था. इस मामले में के कविता की गिरफ्तारी की एक बड़ी वजह ईडी के समन को नजरअंदाज करना भी रहा है. के कविता से मामले में पहले पूछताछ की जा चुकी है, हालांकि उन्‍होंने जांच एजेंसियों के हालिया कुछ समन नजरअंदाज किए और पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई. जिसके बाद हैदराबाद स्थित उनके घर पर छापेमारी की गई और फिर गिरफ्तार कर लिया गया. 

यह भी पढ़ें :-  सुप्रीम कोर्ट परिसर में लगाई जा रही डॉ आंबेडकर की प्रतिमा, संविधान दिवस पर होगा अनावरण

ये भी पढ़ें-शराब घोटाला : ED का दावा- के कविता ने केजरीवाल-सिसोदिया संग रची साजिश, AAP बोली – एक भी सबूत नहीं

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button