जनसंपर्क छत्तीसगढ़

महासमुंद : विशेष लेख : नरवा विकास अंतर्गत 44 नालों के 42302 हेक्टेयर जलग्रहण क्षेत्रों को किया गया उपचारित…

महासमुंद : विशेष लेख : नरवा विकास अंतर्गत 44 नालों के 42302 हेक्टेयर जलग्रहण क्षेत्रों को किया गया उपचारित

महासमुंद 01 सितम्बर 2023 :- राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास योजना’ के सफल क्रियान्वयन से वनांचल की तस्वीर ही बदल गई है।

गत पौने पांच वर्षों में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास‘ योजना के तहत महासमुंद जिला अंतर्गत वनांचल स्थित 44 नालों के लगभग 42 हजार 302 हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्रों को उपचारित करते हुए विभिन्न जल संरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।

इसके तहत लगभग 4 लाख 12 हजार 426 से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। इन संरचनाओं में ब्रश वुड चेक डैम, लूज बोल्डर चेक डैम, गेबियन संरचना, मिट्टी चेक डैम, कंटूर ट्रेंच, तथा स्टेगर्ड कंटूर ट्रेंच का निर्माण शामिल है। इसके अलावा गली प्लग, चेक डैम, स्टॉप डैम, परकोलेशन टैंक तथा तालाब, डबरी और वाटरहोल आदि भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया गया है।

वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 8 नालों का चयन कर लगभग 8137 हेक्टेयर भूमि को उपचारित करने के लिए 35182 से अधिक संरचनाओं का निर्माण किया गया। इसी तरह वर्ष 2020-21 में 16 नालों का चयन कर 15955 हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए एक लाख 94 हजार 216 से अधिक संरचनाओं का निर्माण किया गया।

वर्ष 2021-22 में 11 नालों का चयन कर 12125 हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए एक लाख 33 हजार 695 से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। इसके अलावा वर्ष 2022-23 में 9 नालों का चयन कर 6083 हेक्टेयर से अधिक भूमि के उपचार के लिए 49 हजार 335 से अधिक संरचनाओं का निर्माण जारी है। इससे कुल 531 हेक्टेयर कृषि रकबे की बढ़ोत्तरी हुई है।

यह भी पढ़ें :-  Aarohan-2024 : रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में 'आरोहण-2024' का आगाज...उच्च शिक्षा मंत्री ने राज्य स्तरीय खेल एवं सांस्कृतिक महोत्सव का किया शुभारंभ

इससे 530 किसानों को सीधा लाभ मिला है। जिन प्रमुख नालों में नरवा विकास के तहत कार्य किए गए है उनमें सरायपाली अंतर्गत घोरघाट नाला, आमझरण नाला, बागबाहरा अंतर्गत बड़े नाला, जोगीडीपा नाला, चोरभट्ठी नाला, बगदेवा नाला, पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत राजाडेरा नाला, महासमुंद अंतर्गत मरघट नाला शामिल है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत कैम्पा मद अंतर्गत वनांचल स्थित नालों में काफी तादाद में भू-जल संरक्षण संबंधी कार्यो का तेजी से क्रियान्वयन किया गया है एवं इस दिशा में तेजी से प्रयास जारी है।

इससे वन क्षेत्रों के भू-जल स्तर में काफी सुधार दिखाई देने लगा है और वनवासियों सहित क्षेत्रवासियों को पेयजल, सिंचाई तथा निस्तारी आदि सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलने लगा है।

साथ ही साथ इससे वन संरक्षण तथा संवर्धन के कार्यों को भी बढ़ावा मिला है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तालाब में जल स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का अनूठा पहल किया गया है।

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button