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"महुआ मोइत्रा घूसकांड केस से दुनिया भर में भारतीय सांसदों की छवि हुई धूमिल" : BJP

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2005 में इसी तरह के एक प्रकरण में कांग्रेस की सरकार के समय जिस दिन रिपोर्ट आई थी, उसी दिन 10 सांसदों को सदन से बाहर निकाला गया था और उन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया था.

दरअसल, विपक्षी दलों ने सवाल किया था कि मोइत्रा के मामले में शुक्रवार को ही दोपहर 12 बजे आचार समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की गई और उसी दिन उस पर चर्चा क्यों हो रही है? उन्होंने इस मामले में प्रभावित सांसद मोइत्रा को उनका पक्ष रखने का भी अनुरोध किया था जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पुरानी परिपाटी का हवाला देते हुए स्वीकार नहीं किया था.

गावित का कहना था, ‘‘इससे पहले 13 सांसदों को सदन से निष्कासित किया गया था. महुआ मोइत्रा और पिछले मामले में फर्क है. इस मामले में कंपनी अस्तित्व में है, दर्शन हीरानंदानी का नाम है. हीरानंदानी का पांच प्रमुख क्षेत्रों में व्यवसाय है.”

उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा ने वर्ष 2019 से अब तक सदन में कुल 61 सवाल बतौर सांसद पूछे हैं, जिनमें से 50 सवाल उन्हीं क्षेत्रों से संबंधित थे जिनमें हीरानंदानी का हित है.

भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि मोइत्रा द्वारा हीरानंदानी से संबंधित सवाल पूछे गए हैं. हिना गावित का कहना था, ‘‘मोइत्रा की आईडी 47 बार दुबई से लॉग इन हुई। छह बार अन्य देशों से इसे लॉग इन किया गया.”

उनके अनुसार, तृणमूल कांग्रेस सांसद ने समिति के सामने स्वीकार किया था कि उन्होंने अपना लॉगिन आईडी और पासवर्ड हीरानंदानी और उनकी कंपनी को दिया था तथा हीरानंदानी ने खुद हलफनामा देकर इस बात की पुष्टि की है.

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गावित ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘बार-बार नैसर्गिक न्याय के बुनियादी सिद्धांत की बात हो रही है. सांसद पोर्टल पर लॉग इन के बारे में फार्म भरते हैं. सभी उस पर हस्ताक्षर करते हैं कि लॉग इन आईडी और पासवर्ड किसी के साथ साझा नहीं करेंगे. आप खुद नियम तोड़ रही हैं. आप उस चीज को दूसरे लोगों से साझा कर रही हैं जिसे गोपनीय रखना है.”

भाजपा सदस्य ने कहा कि यह पक्ष-विपक्ष का मामला नहीं है, बल्कि यह संसद की मर्यादा का सवाल है.

भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘एक घटना के कारण पूरी दुनिया में हमारे सांसदों की छवि खराब हुई है.”

हिना गावित ने कहा कि समिति के समक्ष महुआ मोइत्रा से कोई ऐसा व्यक्तिगत सवाल नहीं पूछा गया जिससे उन्हें लगा कि ‘उनका चीरहरण हो रहा है.’

भाजपा की अपराजिता सांरगी ने कहा कि यह विषय अहम है क्योंकि संसद की मर्यादा और संवैधानिक प्रक्रियाओं से जुड़ा हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘‘एक सांसद संसदीय क्षेत्र के लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। जब हम इस जिम्मेदारी से चूक करते हैं तो निश्चित तौर पर सवाल उठेंगे.”

अपराजिता सारंगी ने विपक्ष से सवाल किया, ‘‘महुआ मोइत्रा ने जो किया, वह सही था या गलत था, हम दिल पर हाथ रखकर, संविधान को याद करके कहें कि यह सही था या गलत था?”

आचार समिति की सदस्य अपराजिता ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने समिति की बैठक में असंवैधानिक शब्दों का प्रयोग किया था और उन्होंने बैठक से वॉकआउट किया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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