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Manipur Violence Case: "पहचाने गए मृतकों को 3 दिन में दफन किया जाए": शवगृहों में रखे शवों पर SC का बड़ा आदेश

मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के शवों को दफनाने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली:

मणिपुर हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. शवगृहों में रखे शवों पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Over Manipur Violence Dead Body Cremation) ने दखल देते हुए कहा कि हम शवों को खौलती कड़ाई पर नहीं रखना चाहते. साथ ही अदालत ने शवों को दफनाने के लिए निर्देश जारी किए. अदालत ने कहा कि जिन शवों की पहचान हो गई है, उनके परिजन तीन दिनों के भीतर 9 चिंहित स्थानों पर उनको दफना सकते हैं.वहीं पहचाने गए शवों के निकटतम संबंधियों को 4 दिनों के भीतर सूचित किया जाए.

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 SoP के तहत शवों को दफनाने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हए कहा कि जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई है, उन्हें स्थानीय कलेक्टर की निगरानी में दफनाया जाए. शवों को गरिमामयी और समुदाय के रिवाजों के तरीके से SoP के तहत दफनाया जाए. सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश कॉलिन गोंजाल्विस से कहा कि आप शवों को दफनाने में बाधा क्यों डाल रहे हैं. इस शवों को अनिश्चितकाल तक पड़े रहने नहीं दिया जा सकता. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ने 9 जगहों  की पहचान करते हुए कहा है कि  इन जगहों के बाहर शवों को दफनाया जा सकता. 

अदालत ने कहा कि सिविल सोसाइटी इस बात पर जोर दे रही हैं कि शवों को कुछ अज्ञात जगहों पर दफनाना चाहिए, इस बात से तनाव पैदा हो रहा है. इसीलिए पहचानी गई 9 जगहों पर ही शवों को दफन किया जाए. इसके लिए अदालत ने 2 हफ्ते का समय दिया है. अदालत ने कहा कि अगर इस समय तक ऐसा नहीं किया गया तो वह राज्य सरकार से मानदंडों के अनुसार शवों को दफनाने के लिए कहेंगे. 

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शव लेने वाले परिवारों के बीच में कोई न आए-तुषार मेहता

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि वह लोगों को अपने फैसले खुद लेने दें. अगर कोई परिजन शव लेना चाहता है, तो ये समूह उन्हें धमकी देते हैं. अदालत यह आदेश दे सकती है कि अगर कोई परिजन शव लेना चाहता है तो कोई बीच में नहीं आएगा.  

169 शवों की हुई पहचान-CJI

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि कमेटी ने कहा है कि 175 को मृत के रूप में दर्ज किया गया है. 169 शवों की पहचान की गई है. परिजनों ने 81 शवों पर दावा किया है. 94 शव ऐसे हैं जिन पर दावा नहीं किया गया है. पहचाने गए शवों के परिजन शवों पर दावा करने के इच्छुक हैं,  लेकिन कुछ सिविल सोसाइटी संगठन उन्हें रोक रही हैं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस गीता मित्तल कमेटी ने दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 88 शव पहचाने गए हैं,  लेकिन वहां पर काम कर रहे NGO इसमें बाधा डाल रहे हैं, जबकि उनके परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हैं.

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