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बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ बढ़ रहा लोगों का गुस्सा, इस्तीफे की मांग करते हुए किया प्रदर्शन

इस प्रदर्शन को विपक्षी नेताओं का भी साथ मिला है. (फाइल फोटो)

इजरायल के येरुशलम में लोगों द्वारा एक बड़ा प्रदर्शन किया गया है. यह प्रदर्शन मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के खिलाफ किया गया. इजरायल की संसद के बाहर किया गया यह प्रदर्शन इजरायल गाजा युद्ध शुरू होने के बाद अबतक का सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने हमास के हाथों बंधक बनाए गए इज़रायलियों को तुरंत छुड़ाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने देश में तुरंत चुनाव कराए जाने की भी मांग की है, जो दो साल बाद होना है.

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हालांकि, प्रधानमंत्री ने अपना हर्निया का ऑपरेशन कराने से पहले एक टेलिविजन बयान में कहा था कि यदि सरकार अभी चुनाव कराती है तो इससे 6 से 8 महीनों तक सरकार अपना कामकाज सुचारू रूप से नहीं कर पाएगी इसलिए वो अभी चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं हैं. 

टेंट लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे लोग

लोगों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन से साफ है कि इजरायल में नेतन्याहू सरकार के खिलाफ नाराजगी काफी बढ़ गई है. रविवार को प्रदर्शनकारी टेंट आदि के साथ आए और उसी में सोने की बात की. इससे पता चलता है कि वो लंबे वक्त तक प्रदर्शन चलाने के इरादे से आए हैं. कई प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो नेतन्याहू की नीति से काफी परेशान हो गए हैं. वो उनको सत्ता से हटाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि नेतन्याहू की मंशा सच में बंधकों को वापस लाने की है. 

प्रदर्शनकारियों को मिल रहा विपक्ष का समर्थन

इस प्रदर्शन को विपक्षी नेताओं का भी साथ मिला है. येर लिपिड जैसे विपक्षी नेता ने नेतन्याहू पर हमला बोलते हुए कहा कि नेतन्याहू जो भी कर रहे हैं वो अपनी राजनीति के लिए कर रहे हैं और इजरायल के लिए नहीं कर रहे हैं. वो अमेरिका जैसे देश के साथ अपने रिश्तों को खराब कर रहे हैं. अमेरिका हमेशा इजरायल के साथ खड़ा रहा है. 

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गाज़ापट्टी में युद्वविराम के लिए तैयार नहीं नेतन्याहू

ग़ौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की बार-बार अपील के बाद भी नेतन्याहू युद्धविराम को तैयार नहीं हो रहे. बाइडेन चेतावनी भी दे चुके हैं कि इजरायल अपना अंतरराष्ट्रीय समर्थन खोता जा रहा है. नेतन्याहू बाइडेन की सुन नहीं रहे और नेतन्याहू और बाइडेन के बीच की अनबन जगज़ाहिर हो चुकी है. युद्धविराम के लिए नेतन्याहू जहां अपनी शर्तों पर अड़े हैं. 

युद्ध में पूरी तरह से तबाह हो चुका है गाज़ा

वहीं इस युद्ध में ग़ाज़ा पूरी तरह से तबाह हो चुका है. ग़ाज़ा पट्टी में लोग खाने पीने की चीज़ों के लिए तरस रहे हैं लेकिन नेतन्याहू सैनय अभियान ख़त्म नहीं कर रहे हैं. राफाह में जहां 14 लाख के आसपास शरणार्थी हैं वहां भी बड़े सैन्य ऑपरेशन पर नेतन्याहू अड़े हुए हैं. अमेरिका समेत दुनिया के इजरायल को युद्धविराम के लिए कह रहे हैं. उधर हमास बंधकों की रिहाई के बदले ग़ाज़ा में सैन्य अभियान पूरी तरह से रोकने और इज़रायली सैनिकों की वापसी की मांग कर रहा है.

बंधकों के परिजन पहले भी ये मांग करते रहे हैं और कई बार प्रदर्शन भी किया है. अब उनका धैर्य जवाब दे रहा है क्योंकि युद्धविराम और बंधकों की रिहाई से जुड़ी कोशिशों का नतीजा नहीं निकल रहा है. बंधक छूट नहीं रहे हैं. 7 अक्टूबर के हमले के दौरान हमास ने क़रीब 250 इज़रायइलियों को बंधक बनाया था, जिनमें से 134 अभी भी उसके कब्ज़े में हैं.

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