नया गरबा लिखा है, नवरात्र के दौरान साझा करूंगा: PM मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में एक नया ‘गरबा’ लिखा है और वह इसे नवरात्र के दौरान साझा करेंगे. मोदी ने वर्षों पहले उनके द्वारा लिखे गए एक गरबा की संगीतमय प्रस्तुति के लिए ध्वनि भानुशाली, तनिष्क बागची और जेजस्ट म्यूजिक की टीम का शुक्रिया अदा किया.
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मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर)’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वर्षों पहले मेरे द्वारा लिखे गये एक गरबा की इस प्यारी संगीतमय प्रस्तुति के लिए ध्वनि भानुशाली, तनिष्क बागची और जेजस्ट म्यूजिक की टीम आपको धन्यवाद.” उन्होंने कहा, ‘‘मैंने वर्षों से नहीं लिखा था, लेकिन मैंने पिछले कुछ दिनों में एक नया गरबा लिखा है, जिसे मैं नवरात्र के दौरान साझा करूंगा.”
Thank you @dhvanivinod, Tanishk Bagchi and the team of @Jjust_Music for this lovely rendition of a Garba I had penned years ago! It does bring back many memories. I have not written for many years now but I did manage to write a new Garba over the last few days, which I will… https://t.co/WAALGzAfnc
— Narendra Modi (@narendramodi) October 14, 2023
नवरात्र का व्रत 15 अक्टूबर से शुरू होने वाला है. मोदी की ओर से यह पोस्ट ध्वनि भानुशाली के एक पोस्ट के जवाब में किया गया है, जिन्होंने ‘एक्स’ पर संगीतमय प्रस्तुति को साझा किया है. भानुशाली ने पोस्ट में कहा, ‘‘प्रिय नरेन्द्र मोदी जी, तनिष्क बागची और मुझे आपका लिखा गरबा पसंद आया और हम एक नये लय, संगीत और अंदाज के साथ एक गीत तैयार करना चाहते थे. जेजस्ट म्यूजिक ने इस गीत और वीडियो को तैयार करने में हमारी मदद की.”
मोदी ने एक अन्य पोस्ट में उत्तराखंड की अपनी हालिया यात्रा की तस्वीरें साझा कीं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई मुझसे पूछे कि आपको उत्तराखंड में एक जगह अवश्य जाना चाहिए, तो वह कौन सी जगह होगी, तो मैं कहूंगा कि आपको राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर की यात्रा करनी चाहिए. प्राकृतिक सुंदरता और दिव्यता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बेशक, उत्तराखंड में घूमने योग्य कई प्रसिद्ध स्थान हैं और मैंने अक्सर ही राज्य का दौरा किया है. इसमें केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं, जो सर्वाधिक यादगार अनुभव है. लेकिन, कई वर्षों के बाद फिर से पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर जाना विशेष रहा.”
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