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रिपोर्ट : साल 2023 में 59 हज़ार से अधिक भारतीयों को मिला अमेरिका की नागरिकता

दुनिया भर के करीब 8.7 लाख लोगों ने 2023 में अमेरिका की नागरिकता ली है.

भारतीय नागरिक अमेरिका में रहना ज़्यादा पसंद करते हैं. अभी हाल ही में एक रिपोर्ट में देखा गया कि साल 2023 में 59 हज़ार से अधिक भारतीयों को अमेरिका की नागरिकता मिल गई है. देखा जाए तो अमेरिका, भारत पर काफी मेहरबान हुआ है. एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में सबसे ज्यादा मैक्सिको के नागरिकों ने अमेरिका की नागरिकता ली है, वहीं भारत इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है.

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USCIS की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के करीब 8.7 लाख लोगों ने 2023 में अमेरिका की नागरिकता ली है. जिनमें 1.1 लाख मैक्सिको के नागरिक हैं, 59,100 भारतीय नागरिक हैं. वहीं इस लिस्ट में फिलीपींस और डोमिनिकन रिपब्लिक तीसरे और चौथे नंबर पर है. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेचुरलाइजेशन (अमेरिकी नागरिकता प्रदान करने) के लिए पात्र होने के लिए, एक आवेदक को इमीग्रेशन और नेशनलिटी एक्ट (आईएनए) में निर्धारित कुछ पात्रता जरूरतों को पूरा करना होता है. 

अमेरिकी नागरिकता के लिए पात्रता

अमेरिका की नागरिकता प्राप्त करने के लिए आम तौर पर कम से कम 5 वर्षों के लिए वैध स्थायी निवासी (एलपीआर) होना शामिल है. वहीं USCIS की रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य स्पेशल नेचुरलाइजेशन प्रावधान भी हैं. अगर पति-पत्नी अमेरिकी हैं या आर्मी सर्विस अप्लाई करने वाला कोई सैन्य सेवा में शामिल रहा है तो ऐसे लोगों को कुछ रियायतें भी मिलती हैं.

वित्त वर्ष 2023 में अमेरिकी नागरिकता हासिल करने वाले अधिकांश लोग कम से कम 5 वर्षों के लिए एलपीआर होने के आधार पर परमानेंट रेजिडेंट पात्र थे, इसके बाद आवेदक जो कम से कम 3 वर्षों के लिए एलपीआर होने के पात्र थे और विवाहित थे 3 साल के लिए अमेरिकी नागरिक (आईएनए एक्ट 319(ए)) और आवेदक, जो होस्टाइल पीरियड के दौरान अपनी मिलिट्री सर्विस के आधार पर पात्र थे (आईएनए एक्ट 329).

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USCIS रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य तौर पर, एक नॉन-सिटीजन को परमानेंट रेजिडेंट के लिए पात्र होने के लिए वैध स्थायी निवासी के रूप में कम से कम 5 साल बिताने होंगे, जबकि अमेरिकी नागरिक के पति या पत्नी को वैध स्थायी निवासी के रूप में कम से कम 3 साल बिताने होंगे. 

गौरतलब है कि भारतीयों की पहली पसंद अमेरिका ही हैं. अमेरिका में कई भारतीय अपना प्रभुत्व जमा चुके हैं. दुनिया भर की तमाम आईटी कंपनियां अमेरिका में ही है.

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