देश

काली पगड़ी वाला सरदार आया… और जानिए सुखबीर बादल पर किस तरह उसने कर दिया हमला


नई दिल्ली:

सिख धर्मगुरुओं द्वारा ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किए जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेता सुखबीर सिंह बादल (सुखबीर सिंह बादल) स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ के तौर पर काम कर रहे हैं. इस बीच बुधवार को एक व्यक्ति ने उनके ऊपर गोली चलाने की कोशिश की. पास में ही खड़े एक शख्स की तत्परता से हमलावर को तुरंत पकड़ लिया गया और एसएडी नेता की जान बच गयी. बादल पर जिस समय ये हमला हुआ उस दौरान वहां मीडिया कर्मी भी मौजूद थे. इस हमले के बाद अब स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. इस हमले में सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गए हैं. 

यहां जानिए कैसे हुआ हमला?
सुखबीर बादल स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त से मिली अपनी सजा के दूसरे दिन गेट पर पहरेदारी कर रहे थे. तभी काली पगड़ी वाला एक शख्स उनके पास आता है. इस दौरान वहां काफी संख्या में लोग थे. दिन के लगभग 10 बजे का समय था. इस दौरान स्वर्ण मंदिर में काफी भीड़ रहती है. 

शख्स ने अपना हाथ कमर के पास ले जाकर पिस्तौल निकाल ली और सुखबीर बादल को लक्ष्य कर वो उसने गोली चला दी. जब यह हमला हुआ उस समय सुखबीर बादल अपनी कुर्सी पर बैठे थे.  सुखबीर बादल के पाव टूटे होने के कारण वो व्हील चैयर पर बैठकर ही अपनी सजा काट रहे हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

पिस्तौल निकालते ही उसने सुखबीर पर गोली मारने की कोशिश की, लेकिन तभी वहां खड़े बुजुर्ग सरदार उसकी तरफ झपट पड़ा.घटना के वक्त बादल ‘व्हीलचेयर’ पर बैठे थे और गोली दीवार से जाकर लगी. हमले में बादल बाल-बाल बच गए. आरोपी नारायण सिंह को स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने पकड़ लिया. 

यह भी पढ़ें :-  पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना या देखना POCSO और IT एक्‍ट के तहत अपराध है? SC इस दिन सुनाएगा फैसला

Latest and Breaking News on NDTV

सुखबीर सिंह बादल अकाल तख्त साहिब ने सुनाई है सजा
आपको बता दें कि पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल (स्वर्ण मंदिर) में सोमवार को अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख राम रहीम को माफी और बेअदबी के मामले में सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई थी. इस सजा के तहत सुखबीर बादल को एक घंटा बाथरूम साफ करने. फिर लंगर घर में जाकर जूठे बर्तन धोने का आदेश दिया था. इस कजा के तहत उनको इन सब के बाद कीर्तन सुनना होगा. साथ ही श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा. 



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button