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भारत व अन्य जगहों से जुड़े 1.8 अरब डॉलर के धनशोधन मामले में हांगकांग में सात लोग गिरफ्तार

प्रतीकात्मक तस्वीर

बीजिंग/हांगकांग:

हांगकांग के सीमा शुल्क अधिकारियों ने शुक्रवार को 14 अरब हांगकांग डॉलर (1.8 अरब अमेरिकी डॉलर) के, क्षेत्र के सबसे बड़े धनशोधन मामले में कम से कम सात लोगों को गिरफ्तार किया. इस रकम में से कुछ भारत में एक मोबाइल ऐप घोटाला मामले से संबंधित है. हांगकांग के सीमा शुल्क व उत्पाद शुल्क विभाग ने कहा कि गिरोह ने शहर में दर्ज एक मामले से जुड़ी सबसे बड़ी राशि को स्थानांतरित करने के लिए छद्म बैंक खातों और मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया.

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सीमा शुल्क वित्तीय जांच ब्यूरो की प्रमुख सुजेट इप तुंग-चिंग ने हांगकांग में मीडिया को बताया कि यह अभियान भारत में एक मोबाइल ऐप घोटाले और देश की दो आभूषण कंपनियों से जुड़ा था, जिन्होंने कथित तौर पर लगभग 2.9 अरब हांगकांग डॉलर (37.1 करोड़ अमेरिकी डालर) रकम की हेरफेर की.

इप ने धनशोधित की गई रकम को “चौंकाने वाली” बताया, जिसमें से एक खाते में प्रतिदिन 10 करोड़ हांगकांग डॉलर (1.28 करोड़ अमेरिकी डॉलर) आते थे और उसमें 50 से अधिक दैनिक लेनदेन होते थे.

उन्होंने विवरण दिए बिना कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ हांगकांग के अनिवासी चीनी थे. इप ने कहा कि हांगकांग, भारत और अन्य जगहों पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अभियान को अंजाम देने में सहयोग किया.

हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि संदिग्धों पर रत्न और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े लेनदेन के माध्यम से नकदी को वैध बनाने का आरोप लगाया गया था जिसमें एक 34 वर्षीय व्यक्ति भी शामिल था जिसे मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है.

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उसकी पत्नी, भाई और पिता को भी गिरफ्तार किया गया था. उनके साथ ही तीन अन्य हांगकांग निवासियों पर इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषणों का व्यापार करने के लिए बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियां और फर्जी बैंक खाते स्थापित करने का आरोप लगाया गया था.

इप ने कहा, “इन बैंक खातों का उपयोग धनशोधन की कई परतों के साथ जटिल और लगातार व्यापार करने से पहले कई स्थानीय और विदेशी लेनदेन के लिए किया गया था.”

हांगकांग से एसोसिएटेड प्रेस ने ब्यूरो के डिविजनल कमांडर यू यिउ-विंग के हवाले से बताया कि अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों के साथ खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान किया और पाया कि कुछ पैसा दो आभूषण कंपनियों से आया था, जिनके बारे में भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि वे घोटाले से जुड़ी थीं. अधिकारियों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, दस्तावेज़ों और 8,000 कैरेट से अधिक संदिग्ध सिंथेटिक रत्नों को जब्त कर लिया है जो स्पष्ट रूप से भारत में निर्यात के लिए थे.

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