देश

महाराष्ट्र में शिवाजी की मूर्ति बनी सियासत का मुद्दा, क्यों हमलावर हो रहा विपक्ष?


मुंबई:

सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर अब महाराष्ट्र की सियासत भी गर्मा चुकी है. विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी महायुति गठबंधन को इस मुद्दे पर जमकर घेरा जा रहा है. ठेका देने की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष सीधे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके बेटे को घेर रहा है. इस घटना ने सत्तारूढ़ महायुति सरकार को शर्मिंदा किया है. क्योंकि 17वीं सदी के मराठा योद्धा की 35 फुट की प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस समारोह के दौरान ख़ुद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

पीएम मोदी ने मांगी माफी

इस प्रतिमा को लगाने का मकसद, छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और मराठा नौसेना के आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करना था. इसलिए बीते शुक्रवार महाराष्ट्र पहुंचे प्रधानमंत्री ने राज्य के आराध्य देव की गिरी प्रतिमा पर छिड़े सियासी भूचाल को माफी मांग शांत करने की कोशिश की. पीएम मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं. पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं.

शिंदे सरकार की जमकर किरकिरी

सीएम शिंदे ने कहा कि जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह प्रतिमा नौसेना ने बनवाई थी. उन्होंने इसका डिजाइन भी तैयार किया था. लेकिन करीब 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं के कारण यह क्षतिग्रस्त हो गई. छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा दोबारा बनवाने के लिए युद्धस्तर पर फैसला लेने का भी ऐलान हुआ पर बात सिर्फ़ सियासी नहीं रही. ये महाराष्ट्र के गौरव और संस्कार का विषय बना, इसलिए इन सफ़ाई और बयानों के बावजूद मुख्यमंत्री के आंगन तक आरोपों के तीखे तीर पहुंच गए.

यह भी पढ़ें :-  ठाणे फायरिंग मामला: BJP विधायक के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज

विपक्ष ने लगाए ये आरोप

विपक्ष मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ लामबंद है. आरोप लग रहे हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाने का काम सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे के दोस्त जयदीप आप्टे को दिया था. विपक्ष ये कहते हुए हमलावर है कि सीएम के गढ़ ठाणे के रहने वाले ठेकेदार आप्टे केवल 24 साल के हैं और उन्हें इतनी बड़ी मूर्ति बनाने का पहले कोई अनुभव नहीं था, इसके बावजूद उन्हें ये काम दिया गया.

प्रतिमा के ठेकेदार के खिलाफ दर्ज एफआईआर में ठेकेदार जयदीप आप्टे के साथ डिजाइन सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मिलीभगत, धोखाधड़ी और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप शामिल हैं. चेतन पाटिल को गुरुवार रात कोल्हापुर में उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया. तो फ़रार जयदीप आप्टे के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.

मूर्ति में इस्तेमाल किए गए नट-बोल्ट में जंग 

उद्धव गुट नेता ने कहा कि FIR के अनुसार, लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी ने 20 अगस्त को ठेकेदार को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि मूर्ति में इस्तेमाल किए गए नट और बोल्ट में जंग लग गया है. आप्टे से कनेक्शन पर अब पूरी राज्य सरकार को अपराध का भागीदार बनाने की विरोधियों की कोशिश है. विपक्ष कहता है एफआईआर में मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री का भी नाम होना चाहिए.

पीडब्ल्यूडी मंत्री की बर्खास्तगी की मांग

सिर्फ आप्टे ही क्यों, पूरी सरकार- जिसमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग मंत्री शामिल हैं, उनका नाम FIR में दर्ज होना चाहिए. वे सभी अपराध में भागीदार हैं. पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण को भी बर्खास्त किया जाना चाहिए. उन्होंने शिवाजी महाराज को भी नहीं बख्शा और भ्रष्टाचार में शामिल रहे. कहा ये भी जा रहा है कि केवल 6 फीट की मूर्ति लगाने की इजाज़त थी, मूर्तिकार ने मिट्टी का मॉडल दिखाया था, मंजूरी मिलने के बाद निदेशालय को ये नहीं बताया गया कि मूर्ति 35 फीट ऊंची होगी. आरोपों और सफ़ाई की झड़ी में जो जानकारी सामने आ रही है, उनसे सरकार की मुसीबत बढ़ गई है. 

यह भी पढ़ें :-  SP के गढ़ मैनपुरी में क्या इस बार BJP रच पाएगी जीत का इतिहास


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button