"देश को बहुत फायदा होगा…" : PM मोदी ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' लागू करने को बताया अपना कमिटमेंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर कहा कि एक देश एक चुनाव हमारी प्रतिबद्धता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में जो समिति बनी थी. उस समिति की तरफ से काफी सकारात्मक सुझाव दिए गए हैं. पीएम ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव हमारी प्रतिबद्धता है. हमने इस बारे में संसद में भी बात की है.
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर प्रधानमंत्री मोदी ने ANI से कहा, “…एक राष्ट्र एक चुनाव हमारी प्रतिबद्धता है…कई लोगों ने समिति को अपने सुझाव दिए हैं। बहुत सकारात्मक और नवोन्मेषी सुझाव आए हैं। अगर हम इस रिपोर्ट को लागू कर पाए तो देश को बहुत फायदा होगा।”
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— The HindkeshariIndia (@ndtvindia) April 15, 2024
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चुनावी बॉन्ड स्कीम पर विपक्ष ने फैलाया झूठ -PM मोदी
पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर चुनावी बॉन्ड यानी इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम को लेकर ‘झूठ फैलाने’ का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “इलेक्टोरल बॉन्ड के कारण आपको मनी ट्रेल का पता चल रहा है. किस कंपनी ने पैसा दिया? उन्होंने पैसे किसे दिया? पैसा कहां दिया? इन सवालों के जवाब मिल पा रहे हैं. इसलिए मैं कहता हूं कि जब विपक्षी दल ईमानदारी से सोचेंगे, तो हर किसी को पछतावा होगा. जो लोग डेटा पब्लिक होने को लेकर हल्ला मचा रहे हैं, उन्हें बाद में अफसोस होगा. उन्होंने देश को काले धन की तरफ धकेला है.”
ED अच्छा काम कर रही है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘BJP सरकार द्वारा जेल भेजे जाने’ के विपक्षी पार्टियों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय, यानी ED द्वारा दर्ज किए गए मामलों की अधिकतम संख्या उन व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ है, जिनका राजनीति से कोई ताल्लुक नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा, “विपक्ष के कितने नेता जेल में हैं…? मुझे कोई नहीं बताता… और क्या ये वही विपक्षी नेता हैं, जो अपनी सरकार चलाया करते थे…? पाप का डर है… एक ईमानदार व्यक्ति को क्या डर होता है…? जब मैं मुख्यमंत्री था, तो उन्होंने मेरे गृहमंत्री को जेल में डाल दिया था… देश को यह समझना चाहिए कि ED के केवल 3 प्रतिशत मामलों में राजनेता शामिल होते हैं और 97 प्रतिशत मामले उन लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज होते हैं, जो राजनीति से संबंधित नहीं हैं…”
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