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देश मे लड़कियों की शिक्षा को ऐसे बढ़ावा दे रही है मोदी सरकार, जानें क्या-क्या सुविधाएं मिल रही हैं


नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बताया है कि देश के 97 फीसदी से अधिक सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से शौचालय बने हुए हैं. सरकार ने यह जानकारी संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में दी है. शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत लड़कियों की शिक्षा के लिए कई प्रयास किए गए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनके पड़ोस में स्कूल खोल रही है. उन्होंने बताया कि कक्षा आठ तक की लड़कियों को मुफ्त में किताबें और ड्रेस उपलब्ध करा रही है. डीएमके के सीएन अन्नादुरै, सेल्मवम जी और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के के नवसकानी ने लड़कियों की शिक्षा को लेकर सवाल पूछा था. 

सरकार से सवाल क्या पूछा गया था

अन्नादुरै, सेल्मवम और नवसकानी ने जानना चाहा था कि लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत कौन से उपाय किए हैं, खासकर सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री स्लूकों में. इन सदस्यों ने यह भी जानना चाहा था कि सरकार लड़कियों को इसके लिए कोई वित्तिय प्रोत्साहन दे रही है क्या. 

इन सवालों के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई प्रयास किए हैं. उन्होंने बताया कि लड़कियों के पास-पड़ोस में ही स्कूल खोले जा रहे है. इसके अलावा सरकार कक्षा आठ तक की लड़कियों को मुफ्त किताबें और ड्रेस उपलब्ध करा रही है.इसके अलावा सरकारी  स्कूलों की कक्षा से 12 तक की लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं. सरकार ने पहाड़ी और दूर-दराज के इलाकों में स्थित स्कूलों में अध्यापकों के लिए आवास का निर्माण किया है. इन स्कूलों में महिला शिक्षकों की भी नियुक्ति की गई है. 

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लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति

शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि कक्षा एक से 12वीं तक की सीडब्लूएसएन (विषेश जरूरत वाले बच्चे) छात्राओं को एक साल में 10 माह तक दो सौ रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जा रही है.उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-2025 के दौरान साढ़े पांच लाख जरूरतमंद लड़कियों को यह छात्रवृत्ति दी गई है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा कई राज्य सरकारें भी अपने स्तर से लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चला रही हैं. शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि शिक्षा के हर क्षेत्र में जेंडर गैप को भरने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का संचालन समग्र शिक्षा अभियान के तहत किया जा रहा है. ये स्कूल एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की लड़कियों के लिए हैं. 

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