देश

"हम स्कूली बच्चे नहीं हैं…" : जया बच्चन ने राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ से कहा

नई दिल्ली:

एक सवाल छूटने को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की कांग्रेस नेता पर टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने कड़ा पलटवार किया. उन्होंने कहा कि अगर मुद्दा समझाया जाता तो सदस्यों को समझ में आ जाता, ‘हम स्कूली बच्चे नहीं हैं’. उन्होंने ये भी कहा कि सांसदों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें

दरअसल मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान जब विमानन पर एक प्रश्न छोड़ दिया गया, तो समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन, कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा और विपक्ष के अन्य सदस्य खड़े हो गए और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ.

हंगामे के बीच उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सदस्यों को अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा और कहा कि वो सवाल पर वापस आएंगे. जब दीपेंद्र हुड्डा ने विरोध जारी रखा, तो जगदीप धनखड़ ने कहा, “आप उनके (जया बच्चन के) प्रवक्ता नहीं हैं. वो खुद एक वरिष्ठ सदस्य हैं. आपको उनका समर्थन करने की ज़रूरत नहीं है.”

थोड़ी देर बाद स्थिति को शांत करने की कोशिश करते हुए, सभापति ने कहा कि उन्होंने संकेत दिया था कि प्रश्न संख्या 18, जिसे छोड़ दिया गया था, प्रश्न संख्या 19 का उत्तर पूरा होने के बाद लिया जाएगा.

उन्होंने कहा, “इसे संयमित तरीके से उठाया जाएगा (और) कोई रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी. जया बच्चन बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं और अगर उनकी कोई भावना है, तो मेरे प्रति गंभीर होना स्वाभाविक है.”

यह भी पढ़ें :-  सांसदों का निलंबन: विपक्षी नेताओं ने संसद की तुलना ‘उत्तर कोरियाई सदन’ से की

आप जैसी अभिनेता ने भी कई रीटेक लिए होंगे- जया बच्चन से जगदीप धनखड़

जब जया बच्चन बोलने के लिए उठीं, तो सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा, “मैं जया बच्चन जी से अनुरोध करूंगा. आप बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं. वैसे भी देश में आप जो भी कहती हैं, उसका सम्मान किया जाता है. आप ऐसा करेंगी. हम सभी का उत्साह बढ़ाएं और मुझे यकीन है कि आप जैसी महान अभिनेता ने भी कई रीटेक लिए होंगे.”

इस पर जया बच्चन ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उन्हें बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि उपसभापति के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है.

जया बच्चन ने कहा, “यदि आप या उपसभापति हमें बैठने के लिए कहते हैं, तो हम बैठ जाएंगे, लेकिन जब कोई अन्य सदस्य हमें इशारा करके बैठने के लिए कहता है तो हम ऐसा नहीं करेंगे. सवाल करना हमारा अधिकार है. आप हमें बताएं कि कोई सवाल है या कोई समस्या है और इसे बाद में उठाया जाएगा, तो हम समझते हैं, हम स्कूली बच्चे नहीं हैं, लेकिन हमारे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें.”

इस पर सभापति धनखड़ ने कहा, “बात सही है. मुझे लगता है कि कोई भी इस भावना से असहमत नहीं होगा. सदन नियमों और अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति के नियंत्रण में है, और मुझे यकीन है कि हर कोई इसका पालन करेगा. अध्यक्ष के माध्यम से सब कुछ होना चाहिए.”

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button