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"हम अपने पुराने निर्णय में कोई बदलाव नहीं करेंगे…", अजित पवार बनाम शरद पवार मामले पर SC

सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार बनाम अजित पवार मामले में की सुनवाई

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार बनाम शरद पवार मामले में गुरुवार को सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम अपने पुराने निर्णय में कोई बदलाव नहीं करेंगे. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के फैसले में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को NCP के इलेक्शन सिंबल ‘घड़ी’ के इस्तेमाल को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी है. शीर्ष अदालत ने कहा था कि ‘घड़ी’ सिंबल का इस्तेमाल अजित पवार की पार्टी ही करेगी.

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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शरद गुट को NCP शरदच्रंद पवार नाम से ही लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने की परमिशन दे दी है. कोर्ट ने उसके चुनाव चिह्न ट्रम्पेट को भी मान्यता दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि वह लोकसभा-विधानसभा चुनावों के लिए दूसरों को तुरही चुनाव चिन्ह न दे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) को असली NCP बताने वाले चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम 19 मार्च के अपने आदेश में बदलाव नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अजित पवार और शरद पवार को आदेशों का पालन करना होगा. कोर्ट ने वरिष्ठ पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं, विधायक, सांसदों से भी कहा है कि वह हमारे निर्देशों का सख्ती से पालन करें. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि शरद पवार गुट चुनाव चिन्ह घड़ी का इस्तेमाल नहीं करेगा. 

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फैसला सुनाते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि हमारे विचार में 19 मार्च को दिए गए निर्देशों को संशोधित करने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह स्पष्ट करना और दोहराना पर्याप्त है कि अजित पवार और पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता समर्थक  दिए गए निर्देशों का पालन करेंगे.

अजित पवार की ओर से मुकुल रोहतगी ने समाचार पत्रों में अधिक प्रमुख स्थान के साथ सार्वजनिक नोटिस जारी करने पर सहमति व्यक्त की है. साथ ही आश्वासन दिया है कि पदाधिकारियों, उम्मीदवारों को जागरूक किया जाएगा कि 19 मार्च को दिए गए इस अदालत के निर्देशों की कोई अवहेलना नहीं होगी. याचिकाकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्यकर्ता निर्देशों का पालन करें. 

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