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पंजाब में AAP और कांग्रेस में क्यों चल रहा है तोड़फोड़ वाला युद्ध?


नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi assembly elections) में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद अब अटकले तेज हो गयी है कि पंजाब में पार्टी के कुछ विधायक नाराज हैं. कांग्रेस की पंजाब इकाई के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने हाल में दावा किया था कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के 30 से अधिक विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं और पाला बदल सकते हैं. बाजवा ने कहा था कि इन विधायकों को एहसास हो गया है कि आप के साथ रहना लंबे समय में राजनीतिक रूप से फायदेमंद नहीं हो सकता है. इस बीच सीएम मान ने पलटवार करते हुए कहा है कि पाला बदलना कांग्रेस की संस्कृति है; वे दूसरों के बारे में बात करते हैं लेकिन अपनी चिंता नहीं करते. मैं प्रताप सिंह बाजवा से पूछूंगा कि दिल्ली में उनके कितने विधायक हैं. 

पंजाब के विधायकों के साथ केजरीवाल ने की बैठक
पंजाब इकाई में असंतोष की अफवाहों के बीच पार्टी आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव में विधायकों के काम के लिए उनका धन्यवाद किया. पंजाब सरकार लोगों की भलाई के लिए काम कर रही है.आज भी दिल्ली के लोग कहते हैं कि उन्होंने पिछले 75 सालों में ऐसा काम नहीं देखा, जैसा आप ने पिछले 10 सालों में किया है. हम दिल्ली के अनुभव का पंजाब में इस्तेमाल करेंगे. हम मिलकर काम करेंगे. हमारी पार्टी अपने काम के लिए जानी जाती है. आज की बैठक में फैसला हुआ कि आने वाले दो सालों में हम पंजाब को एक ऐसा मॉडल बनाएंगे, जिसे पूरा देश देखेगा. पंजाब हमेशा सभी लड़ाइयों में सबसे आगे रहा है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी काम के नाम पर जानी जाती है. हम पूरे देश के लिए पंजाब को मॉडल स्टेट बनाएंगे. पंजाब को शानदार मॉडल बना देंगे. 3 साल में 50 हजार से ज्यादा नौकरियां दी.  बता दें कि कपूरथला हाउस में हुई ये बैठक कुल 10 मिनट चली है. केजरीवाल ने यह बैठक पंजाब में पार्टी की इकाई में बढ़ रहे आंतरिक कलह के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई थी.

कांग्रेस की तरफ से क्या दावे किए गए? 
पंजाब में विपक्षी नेताओं ने दावा किया था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार ने यहां भी उसके पतन का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया था कि अब पंजाब में आप पार्टी ‘टूट जाएगी.’ ‘भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल के बीच अंदरूनी सत्ता संघर्ष होगा.’पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता बाजवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और अन्य लोग भ्रष्टाचार और अहंकार में डूबे रहने के कारण दिल्ली विधानसभा की सीट हार गए. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था ‘‘आम आदमी पार्टी को दिल्ली में अपमानजनक हार का स्वाद चखना पड़ा। इस हार के साथ ही छल, झूठ और खोखले वादों का शासन समाप्त हो गया है.”

पंजाब विधानसभा का क्या है गणित? 
पंजाब में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को शानदार जीत मिली थी. 117 सदस्यों वाले विधानसभा में  92 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी ने सत्ता हासिल की थी. कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस पार्टी के पास 18 विधायक हैं वहीं शिरोमणि अकाली दल के 3 और भारतीय जनता पार्टी के 2 विधायक हैं.बहुजन समाज पार्टी के एक और एक निदर्लीय विधायक हैं. 

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