देश

क्या सरकार इस साल जारी नहीं करेगी गुड गवर्नेंस इंडेक्स, कब तक आ सकता है अगला संस्करण


नई दिल्ली:

ऐसी खबरें हैं कि गुड गवर्नेंस इंडेक्स (जीजीआई) को सरकार इस साल जारी नहीं करेगी. विकास के मामले में राज्यों की रेटिंग करने वाले इस इंडेक्स को सरकार हर दो साल पर जारी करती है. नरेंद्र मोदी सरकार ने पहली बार इस रिपोर्ट को 2019 में जारी किया था. दूसरी रिपोर्ट 2021 में आई थी.पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन 25 दिसंबर को सरकार सुशासन दिवस के रूप मनाती है. पिछली दो रिपोर्टें इसी सुशासन दिवस पर जारी की गई थीं. लेकिन अब सरकार की योजना 2025 का गुड गवर्नेंस इंडेक्स जारी करने की है. आइए जानते हैं कि क्या है गुड गवर्नेंस इंडेक्स और कैसे इसे तैयार किया जाता है.

केंद्र सरकार ने 19 से 25 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह का आयोजन किया. सरकार की योजना इस दौरान ही 2023 के गुड गवर्नेंस इंडेक्स को जारी करने की थी. इस बात के संकेत भी सरकार ने कई अवसरों पर दिए थे. कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाला प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) इस रिपोर्ट को 2023 का गुड गवर्नेंस इंडेक्स जारी करने की योजना बना रहा था. इस विभाग ने 19 दिसंबर से 24 दिसंबर तक लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए ‘प्रशासन गांव की ओर’अभियान चलाने की घोषणा की थी. विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया था कि इस सप्ताह के दौरान ही गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2023 को जारी किया जाएगा. इसके साथ ही दो और रिपोर्ट को जारी किया जाना था.  

जीजीआई 2029 को जारी करते केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जीतेंद्र सिंह.

यह भी पढ़ें :-  अंतरिक्ष यात्री के रूप में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना मेरी इच्छा : ISRO प्रमुख

इस साल नवंबर में कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की 2023-24 के लिए सालाना रिपोर्ट जारी हुई थी. इसमें विभाग ने कहा था कि पहली जीजीआई को 2019 में जारी किया गया था, दूसरी जीजीआई को 2021 में जारी किया गया था और तीसरी जीजीआई बनकर तैयार है, उसे भी जल्दी ही जारी किया जाएगा.

सूत्रों ने अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि  जीजीआई 2023 को 23 दिसंबर को जारी करने की योजना थी. लेकिन सरकार ने इसे न जारी करना का फैसला किया, क्योंकि जो रिपोर्ट जारी की जानी थी वह 2023 की थी, दिसंबर 2024 में उसे जारी करने का मतलब हुआ कि आंकड़े पुराने पड़ चुके हैं. इसलिए जीजीआई के लिए नए आंकड़े फिर से जमा किए जाएंगे. जीजीआई का अगला संस्करण दिसंबर 2025 में आ सकता है. 

क्या है गुड गवर्नेंस इंडेक्स

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) इस गुड गवर्नेंस इंडेक्स को जारी करता है.यह प्रशासनिक पहल के प्रभावों का आकलन करने की एक व्‍यवस्‍था है.इसका उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शासन की तुलना करने के लिए डेटा उपलब्ध कराना है. साल 2021 के लिए जारी गुड गवर्नेंस इंडेक्स में 10 क्षेत्रों को शामिल किया गया था. ये क्षेत्र थे- कृषि और संबद्ध क्षेत्र, वाणिज्य और उद्योग,  मानव संसाधन विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और उपयोगिताएं, आर्थिक शासन, समाज कल्याण और विकास, न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा, पर्यावरण और लोगों पर आधारित शासन.साल 2021 की रिपोर्ट में इन 10 क्षेत्रों का आकलन 58 संकेतकों के आधार पर किया गया था. लेकिन 2019 की रिपोर्ट में इन संकेतकों की संख्या केवल 50 ही थी. 

यह भी पढ़ें :-  लोकसभा चुनाव 2024: उत्तर प्रदेश की आठ सीट पर 54.83 प्रतिशत से अधिक मतदान

कितने तरह के राज्य

इस रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को चार श्रेणियों में बांटा जाता है. ये हैं अन्य राज्य ग्रुप-ए, अन्य राज्य ग्रुप-बी, उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य और केंद्र शासित राज्य. 

जीजीआई 2021 को जारी करते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह.

जीजीआई 2021 को जारी करते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह.

अन्य राज्य ग्रुप-ए में आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटका, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना.अन्य राज्य ग्रुप-बी में बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश औऱ पश्चिम बंगाल को शामिल किया गया था.उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य में अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड.   

साल 2019 के लिए जारी जीजीआई में तमिलनाडु ने पहला स्थान हासिल किया था. वहीं साल 2021 की रिपोर्ट में अन्य राज्य ग्रुप-ए में गुजरात, अन्य राज्य ग्रुप-बी में मध्य प्रदेश, उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों में हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली ने पहला स्थान हासिल किया था.

डीएआरपीजी इसके अलावा राज्यों का जीजीआई भी जारी करता है. डीएआरपीजी ने अबतक हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के लिए इस तरह की रिपोर्ट तैयार की है. 

ये भी पढ़ें: जैसलमेर में धरती से कैसे फूटा पानी का इतना बड़ा फव्वारा! जानें सरस्वती नदी की क्यों हो रही इतनी चर्चा


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button