बागपत में योगी आदित्यनाथ ने सुनाया महाभारत का किस्सा, बताया-दुर्योधन ने आखिरी मौका कैसे गंवाया
बागपत (उप्र):
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां कहा कि यह वही भूमि है, जहां से अन्याय एवं अत्याचार के विरुद्ध महाभारत की नींव पड़ी थी और करीब पांच हजार साल पहले भगवान श्रीकृष्ण ने हस्तिनापुर के राजदरबार में जाकर पांडवों के लिए जिन पांच गांव की मांग की थी, उनमें से एक बागपत भी था. मगर ‘दुर्योधन वह भी दे न सका, आशीष समाज की ले न सका…’, इसलिए महाभारत तो होना ही था. योगी भाजपा एवं लोकदल के संयुक्त प्रत्याशी डॉ. राजकुमार सांगवान के समर्थन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वीरों एवं स्वतंत्रता सेनानियों की धरती बागपत को नमन किया.
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मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें भारत माता के महान सपूत और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पावन धरा पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. इस बार हमारे लिए यह चुनाव और भी महत्व का हो जाता है. पहली बार किसानों के मसीहा के रूप में चौधरी चरण सिंह को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्राप्त हुआ है. यह न केवल कोटि-कोटि अन्नदाताओं का सम्मान है, बल्कि उप्र वालों का गौरव भी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बागपत में 26 अप्रैल को चुनाव होना है. भाजपा और रालोद ने मिलकर बागपत के लिए एक योग्य प्रत्याशी दिया है. रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को इसके लिए विशेष धन्यवाद, जिन्होंने एक सामान्य व्यक्ति को बागपत से टिकट दिया है. डॉ. राजकुमार सांगवान ने चौधरी चरण सिंह के जीवन मूल्यों को अपनाया है.
योगी ने वर्तमान सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में व्यतीत किया, मगर बागपत का सांसद बनते ही वो यहां के विकास के लिए प्रण-प्राण से जुट गये. बागपत के लिए विकास की योजनाओं को उन्होंने दौड़-धूप करके 24 घंटे के अंदर दिल्ली और लखनऊ से पास कराया. इस अवसर पर रालोद प्रमुख जयंत चौधरी, सांसद डॉ सत्यपाल सिंह, सांसद पद के लिए भाजपा और रालोद के संयुक्त प्रत्याशी डॉ राजकुमार सांगवान भी मौजूद थे.