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"आप हमारी अदालतों को संरक्षण दें…": मणिपुर बार एसोसिएशन ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को लिखी चिट्ठी

नई दिल्ली:

ऑल मणिपुर बार एसोसिएशन (All Manipur Bar Association) ने  मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) को पत्र लिखकर न्यायपालिका पर हो रहे हमलों के खिलाफ बोलने की आवश्यकता पर जोर दिया है. पत्र में बार एसोसिएशन ने कहा कि वह हाल के रुझानों से बेहद चिंतित है जहां कुछ स्वार्थी समूह “तुच्छ तर्क” और अपने राजनीतिक एजेंडे के कारण अदालतों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.  बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा है कि ऐसे ग्रुप कई तरीकों से काम करते हैं.  वे अदालतों के कथित ‘बेहतर अतीत’ और ‘स्वर्णिम काल’ की झूठी कहानियां बनाते हैं, इसे वर्तमान में होने वाली घटनाओं से तुलना करते हैं. 

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ऐसे हमले अदालतों के लिए खतरनाक: बार एसोसिएशन

बार एसोसिएशन ने 26 मार्च को लिखे पत्र में कहा है कि ये और कुछ नहीं बल्कि कुछ लाभ के लिए अदालतों को शर्मिंदा करने के लिए जानबूझकर दिए गए बयान हैं… उनकी दबाव की रणनीति राजनीतिक मामलों में सबसे स्पष्ट है, खासकर उन राजनीतिक मामलों में जिनमें भ्रष्टाचार के आरोपी राजनीतिक लोग शामिल हैं. ये रणनीति हमारी अदालतों के लिए हानिकारक हैं और हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को खतरे में डालती हैं. बार एसोसिएशन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से अदालतों को ऐसे “हमलों” से बचाने के लिए कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया है. 

“इससे जनता को नुकसान”

बार एसोसिएशन की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि वे हमारी अदालतों की तुलना उन देशों से करने के स्तर तक गिर गए हैं जहां कानून का कोई शासन नहीं है और हमारे न्यायिक संस्थानों पर अनुचित प्रथाओं का आरोप लगा रहे हैं. ये सिर्फ आलोचनाएं नहीं हैं; ये जनता को नुकसान पहुंचाने के लिए किए गए सीधे हमले हैं.

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बार एसोसिएशन ने ऑल मणिपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पुयम तोम्चा मीतेई द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में लिखा है कि कानून को बनाए रखने के लिए काम करने वाले लोगों के रूप में, हम सोचते हैं कि यह हमारी अदालतों के लिए खड़े होने का समय है. हमें इन गुप्त हमलों के खिलाफ बोलने की ज़रूरत है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारी अदालतें हमारे लोकतंत्र के स्तंभों के रूप में मजबूत रहें, इन सुविचारित हमलों से अछूती रहें. 

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