जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 50 परिवार भारतीय सेना की मदद से सशक्त हुए
नई दिल्ली :
भारतीय सेना, TYCIA फाउंडेशन और SIDBI ने संयुक्त सहयोग से कुपवाड़ा में स्थानीय समुदायों के समग्र विकास, स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने, पूरे क्षेत्र में परिवारों के आर्थिक विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट जज्बा शुरू किया है. भारतीय सेना के सहयोग से मुख्य रूप से पर्यटन क्षेत्र में स्थायी आजीविका के अवसर मिल रहे हैं. इससे 50 परिवारों के उत्थान के लिए डिज़ाइन की गई एक परियोजना सफल हुई है.
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प्रोजेक्ट जज्बा के तहत प्रत्येक लाभार्थी को सिडबी द्वारा 40,000/- रुपये तक की सहायता प्रदान की गई है, जिसका उद्देश्य समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों का उत्थान करना और आजीविका का साधन उपलब्ध कराना है.
इन 50 परिवारों में से नौ परिवारों को पूरी तरह से सुसज्जित होमस्टे की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. यह आरामदायक और सांस्कृतिक रूप से प्रामाणिक आवास पर्यटकों को स्थानीय जीवन शैली का करीबी अनुभव देंगे. आगंतुकों के लिए सुखद प्रवास सुनिश्चित करने के लिए परिवारों को आतिथ्य और कस्टमर सर्विस का प्रशिक्षण दिया जाएगा. यहां रुकने वाले मेहमानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सामुदायिक रसोई के लिए एक परिवार को चयन करके उसे प्रशिक्षित किया गया है. इस परिवार को कश्मीर के स्वाद को बरकरार रखते हुए विभिन्न व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. सड़क किनारे कैफेटेरिया स्थापित करने के लिए तीन परिवारों को मदद दी गई. ये कैफेटेरिया स्थानीय पारंपरिक व्यंजन सर्व करेंगे.
इसके अलावा चार परिवारों को घोड़े उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे वे पर्यटकों को घुड़सवारी के लिए ले जा सकेंगे. एक परिवार को पर्यटकों की साज-सज्जा और सौंदर्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्यूटी पार्लर स्थापित करने के लिए सहायता मिली है. साथ ही दो परिवारों को स्थानीय उत्पाद और मोमेंटो की छोटी दुकानें चलाने की सुविधा दी गई है. छह परिवारों को संगीत उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि वे पर्यटकों के लिए पारंपरिक संगीत और सांस्कृतिक प्रदर्शन कर सकें. पांच परिवारों को गाय और भेड़ उपलब्ध कराने से उन्हें डेयरी और ऊन उत्पादन में मदद मिलेगी और इस तरह वे आजीविका चला सकेंगे.
समग्र पारिवारिक पर्यटन अनुभव के मद्देनजर बच्चों के मनोरंजन के लिए तीन घरों को किड्स प्ले स्टेशन की सुविधा दी गई है. एक परिवार को ज़ोर्बिंग बॉल दी गई है, जहां आगंतुक एक विशाल इन्फ्लेटेबल बॉल में बंद होकर ढलान पर लुढ़क सकते हैं. यह परियोजना स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करके क्षेत्र की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों के उत्थान के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. सभी स्थानीय लोगों ने उन्हें अपनी आजीविका कमाने में मदद करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की.