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अमित शाह ने ईश्वरप्पा से उम्मीदवारी वापस लेने को कहा, बागी BJP नेता इरादा बदलने के पक्ष में नहीं

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए दौरे पर आये शाह ने उन्हें फोन किया और उम्मीदवारी वापस लेने को कहा, लेकिन वह (ईश्वरप्पा) नहीं माने.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “आज सुबह ‘लौह पुरुष’ अमित शाह ने मुझे फोन किया था. उन्होंने मुझसे कहा कि आप इतने वरिष्ठ नेता हैं और चुनाव लड़ रहे हैं, यह आश्चर्य की बात है. उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं चुनाव क्यों लड़ रहा हूं.”

भाजपा के 75 वर्षीय बागी नेता ने कहा, “अमित शाह ने मुझसे चुनाव नहीं लड़ने और नामांकन वापस लेने को कहा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सभी मांगों पर गौर किया जाएगा. तीन महीने पहले मैं दिल्ली गया था और मैंने उन्हें (पार्टी में मौजूदा स्थिति) की जानकारी दी थी लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ.”

उनके मुताबिक, शाह ने उन्हें तीन अप्रैल को दिल्ली में मिलने के लिए कहा था. ईश्वरप्पा ने कहा कि वह तैयार हैं लेकिन उनसे अनुरोध किया कि वह उन पर अपना फैसला वापस लेने के लिए दबाव न डालें, क्योंकि इससे उन्हें समस्या होगी.

ईश्वरप्पा ने कहा, “उन्होंने चुनाव लड़ने के पीछे मेरी भावनाओं को समझा होगा. मैं चुनाव जीतूंगा और इससे उन सभी उद्देश्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी जिनके लिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं.”

उन्होंने यह भी कहा कि शाह ने उनके बेटे के राजनीतिक भविष्य का ख्याल रखने का वादा किया है. उन्होंने कहा, “मैंने अपने बेटे से बात की जिसने मुझसे कहा कि मैं उसके भविष्य के बारे में चिंता न करूं और अगर इससे राज्य भाजपा इकाई को मदद मिलेगी तो यह काफी होगा. मैं कल दिल्ली में शाह से मिलने जा रहा हूं.”

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उन्होंने कहा, “मैंने उनसे (शाह से) कहा कि मैं चुनाव लड़ रहा हूं क्योंकि मैं बहुत आहत हूं क्योंकि सभी कार्यकर्ता दर्द में हैं, जो पार्टी का ‘शुद्धिकरण’ चाहते हैं.”

ईश्वरप्पा ने कहा कि कर्नाटक इकाई में भाजपा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात का पालन करना चाहिए – वंशवादी राजनीति को खत्म करने के लिए.

ईश्वरप्पा ने कहा, “नरेन्द्र मोदी ने एक राजनीतिक दल को एक परिवार से मुक्त करने का आह्वान किया है, लेकिन भाजपा की कर्नाटक इकाई में कांग्रेस की संस्कृति बढ़ रही है.” उन्होंने कहा कि यह अन्यायपूर्ण है कि राज्य में पूरी पार्टी एक परिवार के नियंत्रण में है. इससे उन लोगों को ठेस पहुंची है जिन्होंने पार्टी के लिए निर्माण किया और मेहनत की.

उन्होंने येदियुरप्पा और उनके बेटों राघवेंद्र, जो शिवमोगा से सांसद हैं, और राज्य इकाई के अध्यक्ष और शिकारीपुरा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र का जिक्र करते हुए कहा, “मैं भाजपा को ‘पिता और पुत्रों’ के नियंत्रण से मुक्त करने के लिए यह चुनाव लड़ रहा हूं.”

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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