"क्या PM नरेंद्र मोदी बन सकते हैं भारत के अगले अंतरिक्ष यात्री…?" : पढ़ें, The Hindkeshariसे क्या बोले NASA प्रमुख
नई दिल्ली:
अंतरिक्ष की सैर कर पाना किसी भी राजनेता के लिए बेहद कीमती अनुभव हो सकता है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के प्रमुख तथा अमेरिकी सीनेटर बिल नेल्सन ने The Hindkeshariसे यह बात कही. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी अगले साल के अंत में दो हफ़्ते के वैज्ञानिक मिशन की खातिर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन जाने के लिए एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षण देने जा रही है.
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जब NASA प्रमुख से पूछा गया कि क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं, भारत यात्रा पर आए बिल नेल्सन ने कहा कि वह स्वयं भी राजनेता के तौर पर स्पेस शटल में उड़ान भर चुके हैं, और PM नरेंद्र मोदी भी ‘स्पेस अफ़िशनाडो’ (space aficionado), यानी अंतरिक्ष को लेकर बेहद उत्सुक शख्सियत हैं.
उन्होंने यह भी कहा, “अंतरिक्ष की सैर कर पाना किसी भी राजनेता के लिए बेहद कीमती अनुभव हो सकता है, किसी राष्ट्र प्रमुख के लिए तो और भी ज़्यादा… अंतरिक्ष से कोई राजनीतिक सरहदें नहीं रहतीं, कोई धार्मिक या नस्ली सरहदें भी नहीं रहतीं… हर कोई एक पृथ्वी का नागरिक होता है…”
NASA इस परियोजना के तहत पहली महिला तथा पहले अश्वेत व्यक्ति को चंद्रमा पर भेजने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि भारत “सक्रिय साझीदार हो सकता है, क्योंकि हम ब्रह्मांड-रूपी समुद्र में स्टार सेलरों की तरह पूरे ब्रह्मांड में काम करते हैं…”
यह पूछे जाने पर कि आर्टेमिस परियोजना के लिए NASA को भारत से क्या उम्मीदें हैं, बिल नेल्सन ने कहा कि चंद्रमा से जुड़े मिशनों को लेकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बहुत सारे अवसर होंगे और चुनिंदा मुद्दों पर फ़ैसले लिया जाना अभी बाकी है.
उन्होंने बताया, अपनी ‘निरंतर उपस्थिति’ की खातिर अमेरिका चंद्रमा पर और फिर मंगल ग्रह पर जा रहा है, और बहुत से देश साझीदारी के इच्छुक हैं.
यह लगभग 50 सालों में NASA के अंतरिक्ष यात्रियों की चंद्रमा की पहली यात्रा होगी. नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडविन एल्ड्रिन 1969 में चंद्रमा पर उतरने वाले पहले व्यक्ति थे.
NASA और ISRO की समान साझीदारी के अंतर्गत ऑपरेट किया जाने वाला उपग्रह वर्ष 2024 की पहली तिमाही में श्रीहरिकोटा से उड़ान भरेगा. यह उपग्रह जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी का स्वरूप बिगड़ने पर नज़र रखेगा.