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"इजराइल की खुफिया एजेंसी की विफलता का नतीजा": हमास द्वारा किए गए हमले पर विशेषज्ञों की राय

Israel-Palestine Conflict: इजराइली सेना के अनुसार, हमास के आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजराइल में 2,000 से अधिक रॉकेट दागे.

यरुशलम:

Israel-Palestine Conflict: इजराइल पर आतंकवादी समूह हमास की ओर से किए हमले के बाद युद्ध जैसी स्थिति बन गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल के दक्षिणी हिस्सों में गाजा पट्टी में शासित आतंकवादी समूह हमास की ओर से शनिवार की सुबह किया गया हमला इजराइल की ‘खुफिया विफलता” का नतीजा है. इजराइली सेना के अनुसार, हमास के आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजराइल में 2,000 से अधिक रॉकेट दागे.

हमास के हमले से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हुई

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हमास ने शनिवार को इजराइल पर हमला (Hamas Aattack on Israel) करते हुए हजारों रॉकेट दागे. इसके साथ ही हमास के सैकड़ों लड़ाके हवाई, जमीनी और समुद्र के रास्ते इजराइली सीमा में घुस गए. द टाइम्स ऑफ इज़राइल के अनुसार, इजराइल पर हमास आतंकवादी समूह के हमले से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है. मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रहने की आशंका है.

हमले से खुफिया जानकारी की विफलता नजर आ रही: विशेषज्ञ

इस हमले के शुरू होने के कई घंटे बाद भी हमास के आतंकवादी कई इजराइली इलाकों में गोलीबारी कर रहे थे. हमास के इस हमले ने इजराइल (Israel Attack) को चौंका दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल को हमेशा अपनी खुफिया एजेंसियों, घरेलू इकाई शिन बेट और विशेष रूप से अपनी बाहरी जासूसी एजेंसी मोसाद पर गर्व रहा है, लेकिन इस हमले से उसकी खुफिया विफलता (Intelligence Failure) दिखाई पड़ती है.

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कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल, ईरान का मुकाबला करने और इस्लामिक गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने के प्रयासों में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने ही निकट स्थित क्षेत्र की अनदेखी कर दी. ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ ने एक पूर्व खुफिया प्रमुख अमोस याडलिन के हवाले से कहा कि हमले से खुफिया जानकारी की विफलता नजर आती है.

विशेषज्ञों ने इजराइल के भीतर आंतरिक विभाजन को भी जिम्मेदार ठहराया

कुछ विशेषज्ञ सरकार द्वारा शुरू की गई न्यायिक सुधार योजना के मद्देनजर इजराइल के भीतर आंतरिक विभाजन को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इजराइली सरकार के अधिकारी युद्ध जैसी स्थिति में इजराइल की तैयारियों के बारे में चिंतित नजर आये और देशभर में आश्रय केंद्रों की जांच की. इजराइल ने हाल में हमास के साथ संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि राजनीति की घरेलू बाधाओं के कारण चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया.

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