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Explainer: हूती घोषित होगा वैश्विक आतंकवादी संगठन, SDGT और FTO में शामिल करने की है तैयारी

खास बातें

  • हूती को SDGT की लिस्ट से फरवरी 2021 में हटाया गया था
  • अमेरिका और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है
  • हूती विद्रोहियों के द्वारा जहाजों को निशाना बनाया जा रहा है

नई दिल्ली:

अमेरिका हूती को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने की तैयारी में है. अमेरिका की तरफ़ से किए गए हमले और चेतावनी के बाद भी लाल सागर में हूती के हमले जारी हैं. इसलिए फिर इसे आतंकवादी संगठन की सूची में डाला जा रहा है.  हूती को SDGT (Specially Designate Global Terrorist) की लिस्ट से फरवरी 2021 में हटाया गया था. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में हूती को लिस्ट किया था. लेकिन बाइडन प्रशासन ने 2021 फरवरी में हूती को इस लिस्ट से निकाला ताकि मानवीय त्रासदी की हालत से जूझ रहे यमन के लोगों के लिए ज़रूरी मदद सामग्री भेजी जा सके. लेकिन अब लाल सागर में हूती के लगातार हमलों की वजह से फिर से स्पेशियली डेजिनेट ग्लोबल टेरेरिस्ट की सूची में शामिल करने का फ़ैसला किया गया है.

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SDGT और FTO के क्या लाभ हैं? 

SDGT और FTO दोनों घोषित होने पर संगठन की दुनिया किसी संपत्ति को ज़ब्त करने का रास्ता खुल जाता है. जबकि सिर्फ़ FTO घोषित होने पर संगठन के सदस्यों पर इमीग्रेनशन संबंधी पाबंदी लगती है.  इस बीच अमेरिका ने यमन में हूती के ठिकानों पर फिर हमले किए हैं. ये हमला हूती के बैलिस्टिक मिसाइल छोड़ने के ठिकाने पर किया गया है। अमेरिकी सेना के मुताबिक़ इसमें 4 ऐसे बैलिस्टिक मिसाइल को नष्ट किया गया जिस हूती लाल सागर में जहाज़ों की तरफ़ दागने वाले थे. बीते शुक्रवार को अमेरिका और यूके ने मिल कर यमन में हूती के दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर हमला किया था. शनिवार को दूसरा हमला किया गया और अब अमेरिका की तरफ़ से तीसरा हमला किया गया है क्योंकि हूती ने तमाम चेतावनी के बाद भी जहाज़ों पर हमले जारी रखा है.

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 मंगलवार को माल्टा का झंडा लगे जहाज़ ज़ोग्राफ़िया पर लाल सागर में हमला किया गया.  इससे जहाज़ को मामूली नुकसान पहुंचा हालांकि किसी को कोई चोट नहीं आयी. 

अमेरिका ने ईरान पर मदद का लगाया आरोप

अमेरिका ने हथियारों से लदे एक छोटे जहाज़ को भी डुबोया था. अमेरिकी दावे के मुताबिक़ इस जहाज़ पर ईरान से हथियार यमन में हूती के कब़्जे वाले इलाक़े में भेजे जा रहे थे. अमेरिकी सेना ने तस्वीरें जारी कर ये सबूत देने की कोशिश की है कि ईरान निर्मित हथियार हूती को भेजे जा रहे थे. इस ऑपरेशन में अमेरिका के दो नेवी सील लापता भी हो गए हैं. अमेरिका ईरान को हूती की मदद के ख़िलाफ़ चेतावनी देता रहा है. उधर ईरान ने इराक और सीरिया में हमले किए हैं.

इज़राइल हमास जंग के शुरु होने के बाद से ये पहली बार है जब ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड की तरफ़ से सीधे तौर पर हमला किया गया है.

ईरान ने इराक में मौसाद के दफ्तर पर हमले का किया दावा

ईरान ने दावा किया है कि इराक में उस जगह को निशाना बनाया गया जो इज़राइली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद का दफ़्तर है. इससे इलाक़े में तनाव और बढ़ गया है. इराक ने इसे अपने संप्रभुता और अखंडता पर हमला बता कर ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाया है ताकि आगे क्या किया जाए इस पर विचार विमर्श हो. ईरान ने पाकिस्तान में भी हमला किया है. हमला जैश अल-अदल के ठिकानों पर हमला किया है जिसमें दो बच्चों के मारे जाने औऱ तीन के घायल होने की ख़बर है. पाकिस्तान ने की कड़ी निंदा की है और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है.

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इज़राइल हमास जंग की फैलती जा रही है आंच

कुल मिला कर इज़राइल हमास जंग की आंच फैलती जा रही है. लेबनान और सीरिया के ठिकाने तो पहले से ही इसकी जद में थे. यमन और इराक भी हमले जवाबी हमलों का मैदान बन गया है. हालांकि कि अमेरिका की तरफ़ से कहा जा रहा है कि वह युद्ध नहीं चाहता. युद्ध का इलाक़ा बड़ा ने हो इसकी पूरी कोशिश वो कर रहा है लेकिन शांति के साथ साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसे जो करना होगा करेगा.

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