दुनिया

Explainer: कैसे पूरी तरह इजरायल पर निर्भर है गाजा पट्टी, फिलिस्तीन के हमास संगठन को इससे क्या है दिक्कत

आतंकी इस्लामी फिलिस्तीनी संगठन हमास गाजा से ही इजरायल पर हमले कर रहा है. हमले के बीच इजरायल के रक्षामंत्री ने गाजा पट्टी की पूर्ण घेराबंदी के आदेश दिए हैं, वहीं बिजली, भोजन, पानी सहित जरूरी सप्लाई बंद कर दिए हैं. आइए जानते हैं क्या है गाजा पट्टी की कहानी? हमास के नियंत्रण में होने के बाद भी ये कैसे पूरी तरह से इजरायल पर निर्भर है:-

गाजा पट्टी की कहानी?

गाजा पट्टी, इजरायल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच बसा एक छोटा सा क्षेत्र है. इसे दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी जाना जाता है. गाजा पट्टी लगभग 10 किलोमीटर चौड़ा और 41 किलोमीटर लंबा क्षेत्र है. यहां 20 लाख से अधिक लोग रहते हैं. इसका मतलब है कि प्रति वर्ग किलोमीटर औसतन लगभग 5,500 लोग लोग रहते हैं. इजरायल की बात करें, तो यहां औसत जनसंख्या घनत्व लगभग 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जिससे आप समझ सकते हैं कि गाजा में कितनी घनी आबादी रहती है. 

गाजा पट्टी में रहने वालों में मूल निवासी और शरणार्थी शामिल

फिलिस्तीनी क्षेत्रों में गाजा पट्टी और इजरायल के कब्जे वाला वेस्ट बैंक शामिल हैं. पूर्वी यरुशलम के साथ वेस्ट बैंक की सीमा इजरायल, मृत सागर (Dead Sea) और जॉर्डन से जुड़ी हुई है. गाजा पट्टी में रहने वाले लोग फिलिस्तीनी हैं. इसमें रहने वाले लोगों में यहां के मूल निवासी और शरणार्थी दोनों शामिल हैं. यहां रहने वाले ज्यादातर लोग उत्तर में, विशेषकर गाजा शहर में रहते हैं.

यह भी पढ़ें :-  "आपके पास गाजा के लोगों का कष्ट कम करने का मौका है तो जरूर करिए": इजरायल को बाइडेन की सलाह

कैसे इजरायल पर निर्भर है गाजा?

चूंकि, गाजा चारों ओर से इजरायल से घिरा हुआ है. इसलिए यहां किसी भी तरह की सप्लाई इजरायल के रास्ते ही होती है. केम फलोम वो चेक पॉइंट है, जहां से गाजा को सप्लाई जाती है. इसमें खाने-पीने की चीजों से लेकर दवा और दूसरी चीजें भी शामिल हैं. 2007 से गाजा फिलिस्तीन अथॉरिटी के कंट्रोल से निकलकर हमास के कंट्रोल में आ गया. इजरायल के अलावा अमेरिका, यूके और कनाडा जैसे देशों ने हमास को आतंकी संगठन करार दिया है. जबकि न्यूजीलैंड जैसे देशों ने हमास के मिलिट्री विंग को आतंकवादी संगठन माना है. 

हमास को इजरायल मंजूर नहीं वो इसे फिलिस्तीन की जमीन पर कब्जा मानता है. हमास फिलिस्तीन की आजादी के लिए लड़ाई की बात करता है. ताजा हमले को भी हमास ने इजरायल की ऑपरेशनल फोर्स के खिलाफ आजादी की लड़ाई बताया है.

हमास को कौन-कौन से देश करते हैं समर्थन?

हमास को ईरान से भारी समर्थन मिलता है. काउंसिल ऑफ फॉरिन रिलेशन के मुताबिक, ईरान हमास को पैसे लेकर हथियार… यहां तक कि ट्रेनिंग तक देता है. हालांकि, इजिप्ट सिर्फ हमास के राजनीतिक समर्थन की बात करता है. लेकिन इजरायल का आरोप है कि हमास की ताकत के पीछे इजिप्ट भी है. इसके साथ ही लेबनान का हजबुल्लाह संगठन तो हमास को खुलेआम समर्थन करता ही है. इस हमले के बाद भी इजरायल की उत्तरी सीमा से लगने वाले इलाके में एक्टिव हिजबुल्लाह ने हमला किया. हालांकि, इस हमले के बाद इजरायल की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई.

यह भी पढ़ें :-  गाजा के साथ युद्ध में छोटे विराम के लिए तैयार : इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू

अलक्सा मस्जिद इजरायल-गाजा के बीच टकराव का एक बड़ा कारण

अलक्सा मस्जिद इजरायल-गाजा के बीच टकराव का एक बड़ा कारण है. मक्का-मदीना के बाद यरूशलम इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र जगह माना जाता है. यहूदी भी इसे सबसे पाक जगह मानते हैं. वहां इजरायल का नियंत्रण हमास के लड़ाकों को कतई मंजूर नहीं है. गाजा का आरोप रहा है कि इजरायल गाजा को लेकर अपनी मनमर्जी करता रहता है. गाजा पर जिस तरीके से इजरायल का नियंत्रण है, उससे दुनिया की सबसे बड़ी ओपन जेल भी कहा जाता है.

अमेरिका ने की इजरायल को मदद की पेशकश

इधर, अमेरिका ने इजराइल को मिलिट्री सपोर्ट देने की बात कही है. US डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा- “मदद के लिए हमारे जहाज और लड़ाकू विमान इजराइल की तरफ बढ़ रहे हैं. हमने USS जेराल्ड आर फोर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर (वॉरशिप) को अलर्ट कर दिया है.”

लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने अमेरिका को दी धमकी

जंग के बीच लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने अमेरिका को धमकी दी है. उसने कहा है- “अमेरिका ने अगर सीधे तौर पर जंग में दखल दिया तो वो मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर देंगे. फिलिस्तीन यूक्रेन नहीं है.”

ये भी पढ़ें:-

Israel-Hamas War: आसमान से बरस रही मौत, 1 लाख हुए विस्थापित; अब तक 1100 से ज्यादा लोगों की गई जान

हमले के बाद पूरी गाजा पट्टी पर घेराबंदी कर रहा इजरायल, खाना-पानी और बिजली सप्लाई किया बंद

 

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button