पंजाब में अचानक हुई बारिश से किसानों को धान की फसल को नुकसान होने की आशंका
पंजाब के कई हिस्सों में सोमवार को अचानक हुई बारिश से धान उत्पादकों को डर है कि इससे उनकी फसल को नुकसान हो सकता है और पैदावार घट सकती है.जो किसान पहले ही अपनी उपज काट चुके हैं और इसे बिक्री के लिए मंडियों में ला चुके हैं, उन्होंने भी शिकायत की कि बाजारों में पड़ी धान की बोरियों के ढेर बारिश में भीग गए हैं.
किसानों ने कहा कि चावल मिलों की रही हड़ताल से भी परेशानी बढ़ गई है क्योंकि अधिकांश मंडियों में उठान प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.पंजाब के लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर, पटियाला, मोगा और मोहाली समेत कई स्थानों पर बारिश हुई है.
होशियारपुर में रसूलपुर गांव के किसान जंगवीर सिंह ने कहा कि चार एकड़ से अधिक खेत में धान की फसल जो लगभग कटाई के लिए तैयार थी, बारिश और तेज हवाओं के कारण बर्बाद हो गई. उन्होंने कहा कि अचानक हुई बारिश से कटाई में देरी होगी और पैदावार कम होगी.
किसानों के मुताबिक, करीब 70 प्रतिशत धान की फसल की कटाई अभी बाकी है. नाभा में एक किसान, जो मंडी में बिक्री के लिए फसल लेकर आया था, ने कहा कि बारिश के कारण फसल में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी. साथ ही मंडी में फसल को बारिश से सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं थी.
किसानों ने बताया कि खन्ना, फिरोजपुर, नाभा, मोगा और बठिंडा की मंडियों में पड़ी धान की बोरियां भीग गईं हैं. लुधियाना के खन्ना में बारिश का असर धान खरीद पर भी पड़ा.
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के खिलाफ राज्य में राइस शेलर पिछले तीन दिन से हड़ताल पर हैं.
पंजाब राइस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के मुताबिक, एफसीआई ने एक शर्त रखी है, जिसमें अगर फोर्टिफाइड चावल का ‘पोषण मूल्य’ निर्धारित मानक से कम पाया जाता है, तो चावल शेलर को उस कमी को पूरा करना होगा.
मिल मालिकों ने दावा किया कि वे सरकार द्वारा अधिसूचित निर्माताओं से खरीदने के बाद कस्टम-मिल्ड चावल के साथ फोर्टिफाइड चावल दाने (एफआरके) मिलाते हैं और इसलिए उन्हें कमी के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए.
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चावल शेलर की हड़ताल के कारण किसानों को नुकसान न हो.