देश

वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक लाने की तैयारी में सरकार


नई दिल्ली:

एक बड़े कदम के तहत सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्ति को ‘वक्फ परिसंपत्ति’ घोषित करने और उस पर नियंत्रण करने की अनियंत्रित शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार शाम को कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम (जिसे 2013 से पहले वक्फ अधिनियम के नाम से जाना जाता था) में 40 से अधिक संशोधनों पर चर्चा की है. इनमें वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र की जांच करने के लिए संशोधन शामिल है, जिन्हें कई तरह से मनमाना माना जाता है, जो अब देश भर में लाखों करोड़ रुपये की संपत्तियों को नियंत्रित करता है. 

कैबिनेट बैठक मे हुई चर्चा

प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्ड के दावे, जो पहले अप्रतिबंधित थे, अनिवार्य सत्यापन के अधीन माने जाएंगे. अनिवार्य सत्यापन की एक समान व्यवस्था उन संपत्तियों के लिए भी की गई है, जिनके लिए वक्फ बोर्ड और व्यक्तिगत मालिकों ने दावे किए हैं. हालांकि, किसी अधिकारी ने शुक्रवार की शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव के बारे में बात नहीं की है लेकिन सूत्रों की मानें तो अगले हफ्ते इस विधेयक को संसद में पेश किया जा सकता है. 

वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश के लिए किए जाएंगे संशोधन

सूत्रों ने यह भी बताया कि संपत्तियों के अनिवार्य सत्यापन के दो प्रावधान, जो वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों पर लगाम लगाएंगे, अधिनियम में रखे गए प्रमुख संशोधन हैं. वर्तमान में इन संस्थाओं के पास किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में टैग करने की शक्ति प्राप्त है. जानकारी के मुताबिक देशभर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तिया यानी कि लगभग 9.4 लाख एकड़ वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. 

यह भी पढ़ें :-  विशेष राज्य के दर्जे के लिये जनसमर्थन जुटाने की कोशिश में नीतीश कुमार

क्यों पड़ी इस कानून की जरूरत

सूत्रों ने बताया कि इस तरह के कानून की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया तथा बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों के कई लोग मौजूदा कानून में बदलाव की मांग कर रहे थे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संशोधन लाने की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनावों से काफी पहले ही शुरू हो गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि ओमान, सऊदी अरब और अन्य इस्लामी देशों के कानूनों के प्रारंभिक अवलोकन से पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने किसी एक इकाई को इतने व्यापक अधिकार नहीं दिए हैं.

2013 के बाद वक्फ बोर्ड को दिए गए धे व्यापक अधिकार

2013 में यूपीए सरकार के दौरान मूल अधिनियम में संशोधन करके वक्फ बोर्डों को अधिक व्यापक अधिकार प्रदान किए गए थे, जो वक्फ अधिकारियों, व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सहित कई राज्य संस्थाओं के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण रहा है.


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button