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राज्यसभा में सरकार के प्रवक्ता बन गए जगदीप धनखड़, हेडमास्टर की तरह करते हैं बर्ताव: खरगे


नई दिल्ली:

संसद के शीतकालीन सत्र का बुधवार (11 दिसंबर) को 12वां दिन है. आज भी लोकसभा में जॉर्ज सोरोस और वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर हंगामा हुआ. जबकि राज्यसभा में सभापति के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव पर INDIA ब्लॉक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने धनखड़ को सरकार का प्रवक्ता बता दिया है. उन्होंने कहा कि सभापति सदन में किसी स्कूल के हेडमास्टर की तरह बर्ताव करते हैं. वो कभी खुद को RSS का एकलव्य बताते हैं, तो कभी सरकार के प्रवक्ता की तरह काम करने लगते हैं.” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण खुद सभापति हैं.”

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “सदन में एक्सपीरियंस नेता हैं, जर्नलिस्ट हैं, लेखक हैं, प्रोफेसर हैं. कई फील्ड में काम कर सदन में आए हैं. सबका 40-40 साल का अनुभव रहा है. ऐसे नेताओं की भी सभापति हेडमास्टर की तरह स्कूलिंग करते हैं, प्रवचन सुनाते हैं. अपोजिशन पार्टी के लोग 5 मिनट बोलें, वो 10 मिनट उनका भाषण भी होता है.”

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धनखड़ को अपने प्रमोशन की चिंता
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “सभापति जगदीप धनखड़ अपने अगले प्रमोशन के लिए सरकार के प्रवक्ता बनकर काम कर रहे हैं. उनके आचरण ने देश की गरिमा को बहुत नुकसान पहुंचाया है.” 

खरगे ने कहा कि आज तक किसी उपराष्ट्रपति के खिलाफ अनुच्छेद 67 के तहत प्रस्ताव नहीं लाया गया, क्योंकि वे हमेशा निष्पक्ष रहे और राजनीति से दूर रहे. उन्होंने कहा, “हमको यह कहना पड़ता है कि आज नियम को छोड़कर राजनीति ज्यादा हो रही है.”

मजबूरी में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव
खरगे ने कहा, “हमें अफसोस है कि संविधान को अंगीकार किए जाने के 75वें वर्ष में उपराष्ट्रपति के पक्षपातपूर्व आचरण के चलते हम यह प्रस्ताव लाने को मजबूर हुए हैं.” उन्होंने दावा किया कि धनखड़ विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को अपमानित करते हैं. खरगे ने कहा कि सभापति ‘हेडमास्टर’ की तरह वरिष्ठ नेताओं को प्रवचन सुनाते हैं. 

खरगे ने बताया सभापति के खिलाफ क्यों लाया गया अविश्वास प्रस्ताव
-खरगे ने कहा, “आमतौर पर विपक्ष चेयर से प्रोटेक्शन मांगता है. अगर सभापति ही प्रधानमंत्री और सत्तापक्ष का गुणगान कर रहा हो तो विपक्ष की कौन सुनेगा.

-कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “3 साल में धनखड़ का आचरण पद की गरिमा के विपरीत रहा है. कभी सरकार की तारीफ के कसीदे पढ़ते हैं. कभी खुद को RSS का एकलव्य बताते हैं. ऐसी बयानबाजी उनके पद को शोभा नहीं देती.”

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-उन्होंने कहा, “जब भी विपक्ष सवाल पूछता है तो मंत्रियों से पहले चेयरमैन खुद सरकार की ढाल बनकर खड़े होते हैं. उनके खिलाफ हमारी कोई निजी दुश्मनी, द्वेष या राजनीतिक लड़ाई नहीं है. देश के नागरिकों को हम विनम्रता से बताना चाहते हैं कि हमने सोच-विचारकर संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूरी में ये कदम उठाया है.”

मंगलवार को दिया गया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस
राज्यसभा में विपक्ष ने मंगलवार को सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. विपक्ष की तरफ से राज्यसभा के सचिव पीसी मोदी को ये नोटिस दिया गया. धनखड़ पर सदन में पक्षपातपूर्ण बर्ताव करने का आरोप है. इस नोटिस पर विपक्ष की तरफ से 60 सांसदों ने साइन किए हैं. हालांकि, इस नोटिस पर कांग्रेस की वरिष्ठ सांसद सोनिया गांधी समेत कुछ पार्टियों के बड़े नेताओं ने साइन नहीं किए. ऐसे में साफ है कि अविश्वास प्रस्ताव से विपक्ष को कुछ हासिल नहीं होने वाला है. विपक्ष के कुछ सांसद भी ऑफ द रिकॉर्ड मान रहे हैं कि उनका मकसद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को हटाना नहीं है, बल्कि वो सिर्फ पदेन सभापति के पक्षपातपूर्ण रवैये का विरोध जताना चाहते हैं.

राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति पर विपक्ष ने लगाए कौन से आरोप?
-राज्यसभा के पदेन सभापति जगदीप धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण बर्ताव का आरोप है. विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया है कि उनको बोलने नहीं दिया जाता. चेयरमैन पक्षपात कर रहे हैं. 
-विपक्षी पार्टियों ने एक दिन पहले का उदाहरण देते हुए कहा है कि ट्रेजरी बेंच के सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया, लेकिन जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बोल रहे थे, तो उन्हें बीच में रोक दिया गया. 
-विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष के सांसदों के साथ ऐसा नहीं किया जाता. सभापति सदन में उन्हें बोलने का पर्याप्त समय देते हैं.

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राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा विपक्ष


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